ट्रैक बदलने से Air India को मिली मदद, पटरी से उतरी BPCL बिक्री

रास्ते बदलना मददगार होता है लेकिन लीक से हटकर रास्ता अपनाना हमेशा फायदेमंद नहीं होता. यह कहानी है भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की दो सबसे बड़ी कंपनियों एअर इंडिया (Air India) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण की. देश में करीब दो दशक बाद, इस साल एक ऐतिहासिक विनिवेश हुआ. इसमें घाटे में चल रही राष्ट्रीय एयरलाइन एअर इंडिया टाटा (Tata) को बेची गई. यह सिर्फ इसलिए संभव हो पाया क्योंकि सरकार ने राष्ट्रीय एयरलाइन में 76 फीसदी हिस्सेदारी के रास्ते को बदलकर पूरे 100 फीसदी हिस्से बेचने का फैसला किया और इसके साथ ही बोली लगाने वालों को यह विकल्प भी दिया कि कितना कर्ज वे अपने पर लेना चाहते हैं.

हालांकि, BPCL के मामले में सरकार ने प्रबंधन पर नियंत्रण समेत 26 फीसदी हिस्सेदारी को बनाए रखने की सफल नीति का पालन करने के सुझावों को नजरंदाज करते हुए कंपनी में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश की. परिणाम यह रहा कि केवल तीन निविदाएं आईं और उनमें से भी दो को वित्त की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. ऐसे में Air India के विनिवेश की प्रक्रिया संभव हो गई लेकिन बीपीसीएल की नहीं.

मार्च तिमाही में आएगा LIC का आईपीओ

भारत के इतिहास में सबसे बड़ा विनिवेश 2022 में जनवरी-मार्च तिमाही में होना संभावित है जब देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाएगी. अभी एलआईसी (LIC) में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है.

हालांकि 2021 की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि निजीकरण पर जो धब्बा था और इसे देश की संपत्ति बेचने का काम बताया जाता था, वह दूर हो गया और यह भावना और मजबूत हो गई कि निजीकरण करदाताओं के धन की बचत करने के लिहाज से मददगार है.

साल 2021 सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के लिहाज से कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है. पहला तो इसलिए क्योंकि 19 वर्ष में इसमें पहला निजीकरण हुआ. निजीकरण की अंतिम प्रक्रिया इससे पहले 2003-04 में हुई थी.

इस वर्ष इन दो कंपनियों का हुआ निजीकरण

इस वर्ष Air India और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Central Electronics Ltd) का निजीकरण हुआ. एअर इंडिया को 18,000 करोड़ रूपये में टाटा समूह ने खरीदा तो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स को दिल्ली की कंपनी नंदाल फाइनेंस ऐंड लीजिंग ने 210 करोड़ रुपये में खरीदा.

सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रम (CPSEs) में से 5के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है जिनमें बीपीसीएल (BPCL), बीईएमएल (BEML), शिपिंग कॉर्पोरेशन (Shipping Corp), पवन हंस (Pawan Hans) और एनआईएनएल (NINL) शामिल हैं. अलायंस एअर (Alliance Air) और Air India की तीन अन्य सब्सिडिरी कंपनियों का भी 2022 के दौरान निजीकरण किया जाएगा.

2021-22 के बजट में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]