नई दिल्ली । विपक्ष द्वारा लगातार हंगामे के बीच शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह राज्यसभा की उत्पादकता में भारी गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान राज्यसभा में सिर्फ 37.60 प्रतिशत ही काम हो सका। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार, राज्यसभा की उत्पादकता पहले सप्ताह में 49.70 प्रतिशत और दूसरे सप्ताह में 52.50 प्रतिशत थी। तीसरे सप्ताह के दौरान सदन 27 घंटे 11 मिनट के कुल निर्धारित समय में से केवल 10 घंटे 14 मिनट के लिए कार्य कर सका। 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर व्यवधानों और स्थगन के कारण उपलब्ध समय का 62.40 प्रतिशत हंगामे की भेंट चढ़ गया।
सचिवालय ने कहा कि तीसरे सप्ताह के दौरान सबसे अधिक प्रश्नकाल प्रभावित हुआ, जो सरकार की जवाबदेही की मांग के लिए है। जिसमें संबंधित मंत्रियों द्वारा मौखिक रूप से 75 सूचीबद्ध तारांकित प्रश्नों में से केवल चार केउत्तर दिए गए। तीसरे सप्ताह के दौरान प्रश्नकाल के लिए उपलब्ध समय का केवल 11.40 प्रतिशत ही उपयोग हो सका। दूसरी ओर, सप्ताह के दौरान कुल 6 घंटे 25 मिनट की चर्चा के बाद तीन विधेयकों को पारित किया गया।
सप्ताह के दौरान ‘कोविड-19 के ओमिक्रोन वैरिएंट के मामलों से उत्पन्न स्थिति’ पर एक छोटी अवधि की चर्चा अनिर्णायक रही। यह चर्चा सोमवार को फिर से शुरू करने के लिए सूचीबद्ध है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शून्यकाल के 17 मिनट बाद शुक्रवार को सदन स्थगित कर दिया और सरकार और विपक्षी दलों से निलंबन के मुद्दे पर गतिरोध को हल करने का आग्रह किया।
चल रहे मानसून सत्र के पहले तीन हफ्तों की 15 बैठकों के दौरान सदन ने छह बैठकों के लिए प्रतिदिन एक घंटे से भी कम समय तक कार्य किया। सदन की उत्पादकता छह दिनों में 75 प्रतिशत या उससे अधिक रही है। अब तक कुल आठ विधेयकों को पारित करने के लिए सदन के कामकाज के समय का लगभग 42 प्रतिशत सरकार के विधायी कार्य पर खर्च किया गया है। राज्यसभा सचिवालय के बयान में कहा गया है कि केवल 18 प्रतिशत समय प्रश्नकाल में बिताया गया है, जिसमें 217 सूचीबद्ध प्रश्नों में से केवल 56 का मौखिक उत्तर दिया गया है।
वाणिज्यिक सहित विवादों के समाधान को बढ़ावा देने के लिए मध्यस्थता विधेयक, 2021 को सोमवार को राज्यसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। लोकसभा द्वारा पारित नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक, 2021 को सोमवार को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को खत्म होने की संभावना है।
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