मुंबई :शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 86.50 पर सकारात्मक रुख के साथ खुला. सत्र के दौरान इसका शुरुआती लाभ जाता रहा और यह कारोबार के दौरान 86.77 के निचले स्तर पर आ गया. कारोबार के अंत में यह 86.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट है.
10 फरवरी के बाद से रुपए ने करेंसी मार्केट में जिस तरह का डॉमिनेंस शो किया है. वो अगले हफ्ते भी जारी रह सकता है. लेकिन ये डॉमिनेंस इस बात पर डिपेंड करेगा कि डॉलर इंडेक्स कितना टूटेगा? जानकारों का मानना है कि रुपए की चाल थोड़ी धीमी ही सही लेकिन पॉजिटिव ट्रैक पर चल रही है. 10 फरवरी के बाद से रुपए में लाइफ टाइम लो से करीब डेढ़ फीसदी तक की तेजी देखने को मिल चुकी है. जानकारों का कहना है कि यूएस के इकोनॉमिक आंकड़े उतने बेहतर नहीं आ रहे हैं. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है.
आने वाले हफ्ते में ये गिरावट और भी ज्यादा देखने को मिल सकती है. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि रुपए में सोमवार को सुधार देखने को मिल सकता है. वैसे भारत के शेयर बाजार में भी गिरावट है और विदेशी निवेशक लगातार पैसा निकाल रहे हैं. ट्रंप ने एक बार फिर रेसीप्रोकल टैरिफ की धमकी दी है. इस बार उन्होंने भारत और चीन का नाम तक ले लिया है. रुपए के लिहाज से सोमवार को शेयर बाजार भी फोकस में रहेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रुपए को लेकर अगले हफते के लिए किस तरह की भविष्यवाणी सामने आई है.
डॉलर में आ सकती है गिरावट
शुक्रवार को अमेरिका के इकोनॉमिक आंकड़े काफी खराब देखने को मिले हैं. जिसकी वजह से अमेरिकी शेयर बाजार में दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुूसार जनवरी में पहले से स्वामित्व वाले घरों की बिक्री पिछले महीने की तुलना में 4.9 प्रतिशत कम हो गई है. इसका कारण हाई लेंडिंग रेट्स और ऊंची कीमतों को माना जा रहा है. इस बीच, मिशिगन यूनिवर्सिटी द्वारा जारी कंज्यूमर कॉन्फीडेंस का बारीकी से देखा गया माप जनवरी से फरवरी में तेजी से गिर गया. सर्वे से यह भी पता चला कि लॉन्गटर्म महंगाई की उम्मीदें 1995 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं हैं. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स आने वाले हफ्ते में और गिरावट देखने को मिल सकती है.
107 से नीचे डॉलर इंडेक्स
मौजूदा समय में डॉलर इंडेक्स 107 से नीचे के लेवल पर है मौजूद है. आंकड़ों को देखें तो शुक्रवार को 106.64 के लेवल पर बंद हुआ. पिछले हफ्ते डॉलर इंडेक्स सपाट लेवल पर देखने को मिला. जबकि बीते एक महीने में डॉलर इंडेक्स में 0.75 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जबकि बीते 3 महीने में डॉलर इंडेक्स में 0.85 फीसदी गिरावट देखने को मिली है. मौजूदा साल में डॉलर 1.7 फीसदी नीचे आ चुका है. वैसे बीते एक साल में डॉलर इंडेक्स में 2.6 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. जानकारों के अनुसार अगले एक हफ्ते में डॉलर इंडेक्स 105.80 से 106.20 लेवल के बीच में देखने को मिल सकता है.
रुपए में आ सकती है तेजी
वहीं दूसरी ओर रुपए में अगले हफ्ते तेजी देखने को मिल सकती है. उसका कारण भी है. डॉलर इंडेक्स में अनुमानित कटौती का फायदा रुपए में तेजी के रूप में देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक आने वाले हफ्ते में रुपए में तेजी का फैक्टर डॉलर में संभावत गिरावट है. दूसरा कोई और रीजन देखने को नहीं मिल रहा है. मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले में रुपया 86.68 के लेवल पर आ गया हैश्. जबकि 10 फरवरी को डॉलर के मुकाबले में रुपया 88 के लेवल के बेहद करीब पहुंच गया था. जिसके बाद से रुपए में डेढ़ फीसदी से ज्यादा की रिकवरी देखने को मिली है.
किस लेवल पर है रुपया
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे की गिरावट के साथ 86.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण रुपया नुकसान में रहा. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजार और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण शुक्रवार को भारतीय रुपये में गिरावट आई. हालांकि, कच्चे तेल में नरमी ने गिरावट पर कुछ अंकुश लगाया.
एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया 86.50 पर सकारात्मक रुख के साथ खुला. सत्र के दौरान इसका शुरूआती लाभ जाता रहा और यह कारोबार के दौरान 86.77 के निचले स्तर पर आ गया. कारोबार के अंत में यह 86.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट है. गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 34 पैसे बढ़कर 86.64 पर बंद हुआ था.
क्या कहते हैं जानकार?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में करेंसी कमोडिटी के हेड अनुज गुप्ता ने कि रुपए में तेजी माहौल डॉलर पर डिपेंड करेगा. उन्होंने कहा कि यूएस इकोनॉमी के आंकड़े उतने बेहतर देखने को नहीं मिल रहे हैं. जिसका असर डॉलर पर सोमवार से देखने को मिल सकता है. जिसका फायदा रुपए को होगा. उन्होंने कहा कि वैसे शेयर बाजार में सोमवार को गिरावट भी देखने को मिल सकती है. ट्रंप की धमकी का असर भारत के शेयर बाजार पर साफ देखने को मिल सकता है. वो भी एक फैक्टर दिखाई दे सकता है.
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च ऐनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि हमारा अनुमान है कि कमजोर घरेलू बाजार और एफआईआई की बिकवाली दबाव के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. अमेरिकी डॉलर में उछाल ने रुपए पर और दबाव डाला. उन्होंने कहा कि हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा कोई भी ताजा हस्तक्षेप और कच्चे तेल की कीमतों में कमजोर रुख रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है. चौधरी ने कहा कि डॉलर-रुपया हाजिर कीमत 86.50 से 87 के बीच रहने की संभावना है.