आईजी रतन लाल डांगी ने गाँव के जिस स्कूल से की पढ़ाई, वहाँ पिता की याद में करवाया कक्ष का निर्माण

बिलासपुर । अपने बचपन के पहले स्कूल की यादें सभी की जेहन में वर्षो बाद भी ताजा रहती हैं और हर छात्र अपने सामर्थ्य अनुसार अपने स्कूल के लिये कुछ करना चाहता हैं। उसी तर्ज पर आईजी रतन लाल डांगी ने जिस स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ली वहां पर अपने पिता की याद में कक्ष का निर्माण करवाया है।

आईजी रतन लाल डांगी राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले है। वहां मालास उनका पैतृक गांव हैं। अपने पैतृक गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल से ही श्री डांगी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की थी। बाद में उच्च शिक्षा लेते हुए टीचर नायब तहसीलदार के बाद यूपीएससी में चयनित हो कर आईपीएस बने थे। आईजी रतन लाल डांगी जब भी अवकाश में अपने पैतृक गांव में थे तब उनके मन में वहां अपने प्राथमिक विद्यालय को देख कर उसके लिये कुछ कर गुजरने की चाह उठती थी। उन्होंने अपने स्कूल का निरीक्षण कर टीचरों से व गांव वालों से स्कूल की जरूरतों के सम्बंध में बात की। तब उन्हें पता चला कि अब स्कूल प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय में तब्दील हो चुका है इस वजह से वहां अतिरिक्त कक्ष की आवश्यकता हैं। श्री डांगी ने वहां अपने स्व. पिता की याद में कक्ष निर्माण की ईच्छा जताई। तब सितम्बर माह में श्री डांगी के गांव जाने पर स्कूल के शिक्षको व गांव वालों ने उनसे ही भूमि पूजन करवाया। अब तीन महीने बाद स्कूल के लिए एक हाल बन कर तैयार हो गया हैं। श्री डांगी ने बताया कि ” मेरी प्राथमिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल में संपन्न हुई हैं। लिहाजा जब भी गांव जाता था तो अपने गांव व स्कूल के लिये कुछ न कुछ करने की तम्मना मन मे जागृत होती थी। जब स्कूल में कक्ष की आवश्यकता की बात पता चली तो मैने सामर्थ्यानुसार एक कक्ष का निर्माण करवा दिया” इससे पहले भी श्री डांगी ने जिस परबतसर हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी हायर सेकेंडरी तक कि पढ़ाई की हैं उसके लिये भी फर्नीचर की व्यवस्था की थी। गांव वालों व स्कूल के शिक्षको व बच्चो ने उनके इस कदम की तारीफ करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया हैं।

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