सर्दी में अगर बुखार आ रहा है तो ऐसे समझें कोई चिंता की बात तो नहीं है…

सर्दी के मौसम में ठंड या हल्की लापरवाही से जुकाम-बुखार होना आम बात है. लेकिन, कई बार होता है कि बुखार लंबे समय तक बना रहता है, जो आगे के लिए मुश्किल बन जाती है. साधारण तौर पर शरीर के तापमान में बढोतरी होने को बुखार कहा जाता है. सामान्य तौर पर यह लक्षण ठंड के मौसम में दिखाई देते है, लेकिन कई बार सामान्य बुखार के अलावा कोरोना, डेंगू की वजह से भी बुखार आ जाता है. इसके अलावा कई और भी परिस्थितियां होती हैं, जिसमें बुखार होना गलत संकेत देती है.

ऐसे में जानते हैं कि किस तरह से पता लगाया जाए कि किसी व्यक्ति को सामान्य बुखार है या फिर उस बुखार के लिए चिंता करने की आवश्यकता है. क्योंकि कई बार अन्य बीमारियों की वजह से भी बुखार हो जाता है, जो बाद में दिक्कत का कारण बनता है.

दरअसल, होता क्या है कि जब इंफेक्शन निर्माण करने वाले पैथोजेन शरीर में प्रवेश करता है तो ऐसी स्थिति में बायोकेमिकल रिएक्शन होकर पैथोजेन और मानवी रोगप्रतिकारक शक्ति शरीर में कुछ रसायनों का निर्माण करता है, जिसे पायरोजेन्स कहा जाता है. इस प्रक्रिया का अपने हाईपोथैलमस (मस्तिष्क का एक भाग) पर असर पड़ता है. यह भाग शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और उस वजह से बुखार हो जाता है. बुखार यह एक ऐसा लक्षण है जिस से यह पता चलता है की शरीर पैथोजेन से लड़ने की कोशिश कर रहा है. इसलिए जब भी लंबे समय तक बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क कर मौसमी या कोरोना जैसी बीमारियों की जांच करवानी चाहिए.

किन बीमारियों में आता है बुखार?

केएमसी हॉस्पिटल के इंटर्नल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉक्टर हारून एच के अनुसार, अगर बुखार की बात करें तो कई बीमारियों का लक्षण बुखार ही है, इसलिए इसका ध्यान रखना आवश्यक है. बुखार डेंगू, मलेरिया, किसी भी अंग का इन्फेक्शन, फेफड़ों में इन्फेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स, टॉन्सिलाईटिस/साईनसाईटिस, गैस्ट्रो एन्ट्राईटिस, मस्तिष्क में इन्फेक्शन- मैनेंजाईटिस, पुरानी बिमारियां,आरथ्राईटिस, सिस्टमैटिक ल्युपस एरिथेमेटस, कैंसर, लू लगने की वजह से भी बुखार आ सकता है, इसलिए उसका खास ख्याल रखना चाहिए.

किन लोगों को बुखार होना ज्यादा खतरनाक?

डॉक्टर हारून एच का कहना है, ‘वैसे अगर स्वस्थ्य व्यक्ति को बुखार होता है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, लेकिन उनके लिए चिंताजनक स्थिति कम केस में ही होती है. ऐसे में नवजात बालक, वरिष्ठ नागरिक, डाइबीटिज, दिल की बिमारी के मरीज, सांस की तकलीफ वाले मरीज, कैंसर के मरीज, कीमोथेरपी ले रहे मरीज, डाइलिसिस का इलाज ले रहे मरीज, अंग बदलने के बाद उपचार ले रहे मरीज, स्टेरॉईड्स जैसे इम्युनोसप्रेसंट दवाईयां ले रहे मरीज को बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.’

क्या करें?

बुखार होने पर डॉक्टर के पास जाने के बाद उनकी सलाह के अनुसार उन्होंने दी हुई दवाइयों का प्रयोग करें. अगर लक्षण जारी रहते है या स्थिति अधिक खराब होती है या अगर कोई नया लक्षण सामने आता है तो फिर से डॉक्टर से संपर्क करें. अगर नए लक्षण सामने आते है जैसे रैशेस, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, खाने की इच्छा ना होना, दिल की धड़कने बढ़ना आदी हो तो मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करें.

आप बुखार पर उपचार लेते समय सुयोग्य मात्रा में द्रव पदार्थों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें और वजन में हल्के सूती वस्त्र परिधान करें. हवा से भरपूर कमरें में रहे तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेहतमंद खाना खाएं. आजकल की स्थिति में मास्क पहनना, हाथ धोना, हाथों को सैनिटाइज करना उनकी सुरक्षा के लिए भी जरूरी है.

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