अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की चीफ इकोनॉमिस्ट और इनकमिंग फर्स्ट डिप्टी एमडी गीता गोपीनाथ ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाना मुश्किल है. CNBCTV18 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इसके लिए साफ तौर पर मापदंड बनाए जाने चाहिए. इसके साथ उन्होंने आने वाले बजट पर भी अपने विचार रखे. गोपीनाथ ने कहा कि आने वाला बजट अकोमोडेटिव होना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी पर बोलते हुए, आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट ने कहा कि क्रिप्टो पर सीधा बैन लागू करने में मुश्किल होगी. इसके पीछे की वजह बताते हुए गोपीनाथ ने आगे कहा कि क्योंकि अगर हम कुछ क्रिप्टोकरेंसी के एक्सचेंज को देखें, जिनके साथ लोग जुड़ रहे हैं, वे अपने देश से बाहर दूर हैं. इसलिए, एक देश के इसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना ज्यादा प्रभावी नहीं रहेगा.
वैश्विक स्तर पर लाने चाहिए मापदंड: गोपीनाथ
गीता गोपीनाथ ने इंटरव्यू के दौरान आगे कहा कि इसलिए वे इस बात पर जोर देते रहे हैं, कि इसके लिए वैश्विक स्तर पर मापदंडों को लाना चाहिए. क्रिप्टो एसेट्स को लेकर वैश्विक मापदंडों की जरूरत है. इसके साथ गोपीनाथ ने कहा कि इन्हें अच्छी तरह से रेगुलेट करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रेगुलेशन होने चाहिए. उनका कहना है कि हमें यह ध्यान देना है कि यह मुश्किल उस रेगुलेशन के आगे न निकल जाए, जिसे हम लेकर आएंगे.
IMF ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी रिपोर्ट्स में बार-बार यह कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी के जो अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स आ रहे हैं, वे एक सिस्टमैटिक रिस्क पैदा कर रहे हैं, अगर इन्हें समय पर सही तरीके से रेगुलेट नहीं किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी के समाधान के लिए बैन कोई उपाय नहीं है.
इकोनॉमी को सपोर्ट करे बजट: IMF चीफ
आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट गोपीनाथ ने बजट पर भी बात की है. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि फिस्कल पॉलिसी को आने वाले बजट में अकोमोडेटिव बने रहना चाहिए. उनका कहना है कि इसलिए, बजट के सभी भाग ऐसे होने चाहिए, जो अर्थव्यवस्था को समर्थन दें. लेकिन, इसके साथ यह भी जरूरी है कि बजट में मध्यम अवधि का फिस्कल कंसोलिडेशन प्लान सामने रखा जाए.
गीता गोपीनाथ ने कहा कि पिछले समय में इसका ऐलान लक्ष्यों के तौर पर किया गया है. उनका कहना है कि लेकिन, इसे लेकर और साफ तस्वीर होनी चाहिए कि मध्यम अवधि में इन लक्ष्यों को कैसे हासिल किया जाएगा.
[metaslider id="347522"]