उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) से फर्जीवाड़े का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक शख्स सरकारी विभाग में दूसरे के नाम पर 36 साल से नौकरी कर रहा है (Government Job on fake name). हैरान करने वाली बात यह है कि अब इसी महीने यह शख्स रिटायर भी होने वाला है. मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की विधानसभा गोरखपुर का है.
दरअसल गोरखपुर समाज कल्याण विभाग (Public Welfare Department) में आरोपी रवि प्रकाश चतुर्वेदी (Ravi Prakash Chaturvedi) बड़े बाबू के पद पर तैनात है और वह 36 साल से फर्जीवाड़ा कर यह नौकरी कर रहा है. मामले में मजिस्ट्रियल जांच शासन को भी सौंपी जा चुकि है, हालांकि उस पर अबतक कोई कार्रवाही नहीं हुई. दरअसल बाबू रवि पर आरोप है कि वह अपने गांव के एक व्यक्ति रवि प्रकाश मिश्रा ((Ravi Prakash Mishra) के नाम पर यह नौकरी कर रहा है. रवि प्रकाश मिश्रा, रवि प्रकाश चतुर्वेदी का पड़ोसी है.
1985 को रवि प्रकाश मिश्रा नाम से जारी हुआ था नियुक्ति पत्र
इस बात की शिकायत रवि प्रकाश मिश्र ने की थी. उनकी शिकायत के मुताबिक, उनके नाम पर रवि प्रकाश चतुर्वेदी नौकरी कर रहे हैं. इसके बाद जिलाधिकारी ने तत्काल मजिस्ट्रियल टीम गठित कर जांच का आदेश दिया. जिसकी जांच में सामने आया है कि 4 फरवरी 1985 को रवि प्रकाश मिश्रा के नाम से नियुक्ति पत्र जारी हुआ, तभी से मिश्रा के नाम पर रवि प्रकाश चतुर्वेदी नौकरी कर रहा है.
6 दिसंबर को भेजी जा चुकी है शासन को रिपोर्ट
इस मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी गोरखपुर (DM Gorakhpur) ने मजिस्ट्रियल जांच कराकर 6 दिसंबर को ही शासन को रिपोर्ट भेज दी है. लेकिन अब तक शासन की तरफ से कोई कारर्वाही नहीं हुई है. वहीं जानकारी के मुताबिक आरोपी रवि प्रकाश चतुर्वेदी समाज कल्याण विभाग से इस महीने 31 दिसंबर को रिटायर हो रहा है. ऐसे में लोग अधिकारियों के कामकाज पर भी सवाल उठा रहे हैं कि कह रहे हैं कि उन्हें इतने बड़े फर्जीवाड़े की जरा भी खबर नहीं मिली.
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