छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक की क्रय शक्ति बढ़ाना ही छत्तीसगढ़ मॉडल का उद्देश्य
रायपुर 16 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल में हमारी प्राथमिकता छत्तीसगढ़ के नागरिक हैं। हम प्रत्येक व्यक्ति की जेब में पैसा डालना चाहते हैं, क्रय शक्ति बढ़ाना चाहते हैं ताकि बाजार और उद्योग को बल मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारा विकास का पैमाना छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति का समावेशी विकास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के दो पैमाने होते हैं, पहला कांक्रीट और डामर का काम और दूसरा राज्य के निवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाना है। स्वास्थ्य, शिक्षा का मूलभूत सुविधाओं में आधुनिक वृद्धि करना हमारे केन्द्र में है। हम वर्ग के लिए न्याय चाहते हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के माध्यम से हम सभी वर्गों के न्याय के लिए काम कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया में गोधन न्याय योजना की चर्चा हो रही है। लोग इस बात से हैरत में है कि किस तरह गोबर की खरीदी की जा सकती थी, लेकिन हमने गोबर की खरीदी भी की और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत भी बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ग की सरकार है। हमने किसानों से उनकी लागत का उचित मूल्य देने का वादा किया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर धान खरीदी पर अंकुश लगाया। ऐसी स्थिति में हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए अपने किए गए वादे अनुसार भुगतान किया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता केवल जनहित है। आदिवासियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए हमने 52 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर शुरू की। साथ ही वनोपज में वैल्यू एडिशन किया। कोदो-कुटकी, रागी, राहर, मक्का और गन्ना सभी फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जोड़ा। हम किसानों को समृद्ध करने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सुविधा और समय के साथ आने वाली समस्याओं का निदान ढूंढना सरकार की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा घोषणा पत्र के अलावा भी ऐसे काम कर रही है जिससे आम आदमी के जीवन में परिर्वतन आए। उन्होंने कहा कि हर योजना के पीछे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की नीति अपनायी। राज्य में सफाई कार्य को भी अर्थव्यवस्था से जोड़ा, जिसका परिणाम यह रहा कि छत्तीसगढ़ को स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार तीन बार पुरस्कार मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने केंद्र से कई बार पत्र लिखकर एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी है, इससे तीन लाभ होंगे। पहला किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलेगा, दूसरा एथेनॉल प्लांट से रोजगार बढ़ेंगे, तीसरा सरकार को भी ईंधन खरीदी में लाभ होगा। साथ ही भारत को क्रूड आयल के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और पेट्रोल-डीजल की समस्या से भी राहत मिलेगी। हम इस दिशा में प्रयोगात्मक कार्य भी कर रहे हैं, कवर्धा स्थित पुराने शक्कर मिल को और कोंडागांव में एथेनॉल प्लांट लगाया जा रहा है, जिसमें गन्ना और मक्का की पैदावार से हम एथेनॉल बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोरोना संकट के समय कहीं भी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा था उस वक्त हमने राज्य के 26 लाख परिवारों को मनरेगा के तहत काम दिया। आदिवासी क्षेत्रों में इमली और महुआ की खरीदी की। देशभर में 74 प्रतिशत लघु वनोपज की खरीदी इकलौते छत्तीसगढ़ ने की है। छत्तीसगढ़ में चाहे व्यापारी वर्ग है, किसान, मज़दूर समेत सभी वर्ग हमारी सरकार से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री आवास की योजना राज्य में बंद नहीं किया है। केन्द्र जब अपना हिस्सा राज्य को प्रदान कर देगा तब इस योजना का तत्काल शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सी-मार्ट की स्थापना कर रहे हैं, जहां ग्रामीण स्तर पर बनने वाले हर उत्पाद की उपलब्धता होगी और एक ही छत के नीचे लोग सभी प्रकार के ग्रामीण उत्पाद खदी सकते हैं। हर ग्राम पंचायत के गौठान में स्व-सहायता समूह के लोगों, और स्थानीय कारीगरों के लिए ट्रेनिंग, रोजगार और विक्रय सुविधा मुहैया कराएंगे। आगामी 2 वर्षों में हम और बेहतर और सशक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए काम करेंगे।
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