सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयास के लिए आभारी रहेगा देश…

इतिहास में 15 दिसंबर की तारीख देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के रूप में दर्ज है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 71वीं पुण्यतिथि पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘सरदार पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. भारत हमेशा उनकी असाधारण सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और हमारे राष्ट्र को एकजुट करने के अथक प्रयासों के लिए उनका आभारी रहेगा.’

उनके विचार सदैव देश का मार्गदर्शन करते रहेंगे- अमित शाह

वहीं, देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सरदार पटेल को याद करते हुए ट्वीट किया, ‘हर भारतीय के हृदय में बसने वाले देश की एकता व अखंडता के अद्भुत शिल्पी लौह पुरुष सरदार पटेल जी के जीवन का क्षण-क्षण भारत में एक राष्ट्र का भाव जागृत करने हेतु समर्पित रहा. उनके विचार सदैव देश का मार्गदर्शन करते रहेंगे. ऐसे महान युगपुरुष व राष्ट्रीय गौरव के चरणों में कोटिशः वंदन.’

स्वतंत्रता के बाद बड़ी संख्या में रियासतों का भारतीय संघ में विलय कराने का श्रेय प्रमुख रूप से सरदार पटेल को ही जाता है. 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में एक किसान परिवार में पैदा हुए पटेल को उनकी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए हमेशा से स्मरण किया जाता रहा है. देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल ने आजादी के बाद देश के नक्शे को मौजूदा स्वरूप देने में अमूल्य योगदान दिया.

गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा

देश को एकजुट करने की दिशा में पटेल की राजनीतिक और कूटनीतिक क्षमता ने अहम भूमिका निभाई. भारत रत्न से सम्मानित सरदार पटेल ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली. देश की एकता में उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गुजरात में नर्मदा नदी के करीब उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

सरदार सरोवर डैम पर स्थापित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की ऊंचाई 182 मीटर है, जो अमेरिका के न्यूयॉर्क के 93 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी है. इसका कुल वजन 1700 टन है. पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है. चीन के स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था, जिस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सरदार पटेल की इस मूर्ति ने रिकॉर्ड बनाया.