Vedant Samachar

क्रिप्टो फ्रॉड केस में बड़ा एक्शन, देश में 60 जगहों पर CBI की छापेमारी

Vedant Samachar
3 Min Read

मुंबई : इससे पहले 15 फरवरी 2025 को, CBI ने दिल्ली और हरियाणा में 11 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 1.08 करोड़ रुपए नगद, 1000 अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा, 252 ग्राम सोना, छह लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन और एक आईपैड जब्त किए गए थे.

क्रिप्टोकरेंसी फ्रांड से जुड़े मामलों में देशभर में 60 जगह पर सीबीआई ने छापेमारी की है. ये छापे दिल्ली एनसीआर, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर, बेंगलुरु और अन्य प्रमुख शहरों में चलाए जा रहे हैं. यह घोटाला फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से किया गया था, जिसमें आरोपियों ने बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों की नकल करके लोगों को ठगा.

कैसे हुआ क्रिप्टोकरेंसी स्कैम?
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा ये स्कैम 2015 में शुरू हुआ था, जिसको अंजाम देने वालों में अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज और उनके एजेंट शामिल थे. इन लोगों ने GainBitcoin और कई दूसरे नाम से वेबसाइट बनाकर लोगों से पोंजी स्कीम के तहत क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट कराया था. इन सभी वेबसाइट का कंट्रोल Variabletech Pte. Ltd. नामक कंपनी के द्वारा किया जाता था.

कितने रिटर्न का किया था वादा?
क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड करने वाले अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज ने निवेशकों को इस योजना में 18 महीने बिटकॉइन में पैसा लगाने के लिए कहां, इसके बदले इन दोनों ने 10 प्रतिशत रिटर्न देने की बात कही थी. साथ ही निवेशकों को एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदने और “क्लाउड माइनिंग” अनुबंधों के माध्यम से गेनबिटकॉइन के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

शुरू में दिया निवेशकों को रिटर्न
क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड करने वाले इतने शातिर थे कि उन्होंने इन्वेस्टर को शुरुआत में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर रिटर्न दिया था, लेकिन 2017 में इंवेस्टर्स कम होने के बाद ये योजना फ्लॉप हो गई और आरोपियों ने इंवेस्टर्स के घाटे को कवर करने के लिए उनके पैसे को अपनी इन हाउस MCAP क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया, जिसकी वास्तिव कीमत बिटकॉइन से काफी कम थी.

देशभर में दर्ज हुई FIR
इस क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए पूरे भारत में कई एफआईआर दर्ज की गई. स्कैम के साइज को देखते हुए जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया.

Share This Article