Vedant Samachar

वर्ल्ड हेल्थ डे 2025: देश में बढ़ रहा कैंसर का खतरा, लक्षणों की सही समय पर पहचान क्यों है जरूरी?

Vedant Samachar
3 Min Read

7 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है. भारत में इस समय सबसे बड़ा खतरा गैर संक्रामक रोग यानी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज है. ये वह बीमारियां हैं जो एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है, लेकिन भारत में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज तेजी से पांव पसार रही हैं. डायबिटीज, हार्ट डिजीज तो चिंता का कारण है ही, लेकिन अब जिस हिसाब से कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं वह भविष्य के एक बड़े खतरे का संकेत है. हालांकि अगर सही समय पर इस बीमारी की पहचान हो जाए तो इसको आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.

मेडिकल की भाषा में इसको अर्ली डिटेक्शन कहते हैं. इस एप्रोच से कैंसर की मरीज कि जान बच सकती है.खासकर ऐसे देश में जहां 60% से अधिक कैंसर के मामलों का पतास देरी में चलता है, और गैर-संक्रामक बीमारियों से मौतों का आंकड़ा कुल बीमारियों का लगभग 70% हिस्सा होता है.

कैंसर की समय पर पहचान कैसे हो?
एम्स दिल्ली में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के पूर्व डायरेक्टर डॉ.जी.के. रथ कहते हैं कि कैंसर के मामलों में अर्ली डिटेक्शन और प्रिवेंटिव केयर बहुत जरूरी है. कैंसर दुनिया के कई हिस्सों में मृत्यु का प्रमुख कारण बन गया है. भारत में भी ये बड़ा खतरा बन रहा है और इससे मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसका इलाज संभव है. लगभग 60% कैंसर का इलाज संभव है अगर समय पर पता चल जाए.

लक्षण दिखते ही जांच कराएं
इसके लिए जरूरी है कि आप शरीर में पनप रही किसी भी बीमारी या गांठ को हल्के में न लें. अगर कोई भी समस्या महीने भर से ज्यादा बनी हुई है तो अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें. खुद से कभी दवा न खाएं और हर 6 महीने में अपने शरीर की जांच कराए. अगर किसी भी बीमारी को कोई भी लक्षण लंबे समय से बना हुआ है तो डॉक्टर से जरूर मिलें. इस मामले में लापरवाही न करें और कैंसर की इन लक्षणों को जरूर ध्यान में रखें.

ये होते हैं कैंसर के लक्षण
अचानक बिना किसी कारण वजन कम होना

शरीर में खून की कमी

हमेशा थकावट बने रहना

शरीर के किसी हिस्से में कोई गांठ जो ठीक न हो रही हो

Share This Article