देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसे में इस बात पर भी बहस शुरु हो गई है कि क्या कोरोना से बचने के लिए जो वैक्सीन लगवाई गई थी वह अभी भी कारगर होगी या नहीं. क्या जिन लोगों ने बूस्टर डोज भी लगवा रखी है उन्हें भी कोरोना संक्रमण का शिकार होना पड़ सकता है या नहीं. इसके साथ ही क्या इस बार कोरोना से बचने के लिए फिर वैक्सीन लगवानी पड़ेगी. इस बारे में हमने बात की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट से.
कोरोना संक्रमण दुनिया के साथ भारत में भी तेजी से फैल रहा है. देश में कोरोना के 1000 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा मरीज केरल में (430) हैं और सबसे कम दिल्ली में (126) हैं. महाराष्ट्र समेत कई और राज्यों में कोरोना के केस सामने आए हैं. यह संख्या महज दो सप्ताह के दौरान ही दोगुना हो गई है. जिस तेजी से कोरोना बढ़ रहा है, उसे देखते हुए वह लोग ज्यादा चिंतित हैं जो कोविड की पिछली लहरों में अपनों को खो चुके हैं. ऐसे लोग भी परेशान हैं जिन लोगों को पिछली लहरों में संक्रमण का सामना करना पड़ा था.
नए वेरिएंट से फैल रहा कोरोना
इस बार देश में कोरोना फैलने के पीछे कोविड वायरस के नए वेरिएंट हैं. दुनिया भर में डॉक्टर और वैज्ञानिक यह संदेह भी जता रहे हैं कि नए वेरिएंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी चकमा दे सकता है. जिससे लोगों के अधिक संख्या में संक्रमित होने का खतरा भी जताया जा रहा है. इसके बाद नए वेरिएंट के खतरों से बचने के लिए वैक्सीन को लेकर भी चर्चा शुरु हो गई है. हालांकि एक्सपर्ट बता रहे हैं कि नए वेरिएंट ज्यादा गंभीर नहीं हैं, जिसके कारण इनका ज्यादा फैलने की आशंका फिलहाल महसूस नहीं हो रही है.
क्या वैक्सीन लगवाने वाले भी होंगे संक्रमित
गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डॉ. राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज या दो डोज लगवा रखी हैं, उन्हें नए वेरिएंट से संक्रमण का खतरा बेहद कम है. यदि ऐसे लोग संक्रमित भी होते हैं तो उन्हें गंभीर संक्रमण नहीं होगा. उन्होंने बताया कि अब तक जो शोध हुए हैं उनके अनुसार नए वेरिएंट का प्रभाव 4 या 8 दिनों तक रह सकता है. इसलिए इससे डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का प्रयोग करते रहें.
डॉ राकेश कुमार कहते हैं कि बूस्टर डोज जिनको लगी है उनमें वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी मौजूद है. ऐसे में उनको वायरस से गंभीर संक्रमण का रिस्क कम है, हालांकि ऐसा नहीं है कि बूस्टर लेने वालों को संक्रमण होगा ही नहीं. वह भी संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन लक्षण गंभीर होने की आशंका नहीं है.