गर्मी के मौसम में किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी की शिकायतें अचानक बढ़ जाती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी मुख्य वजह डिहाइड्रेशन और शरीर में पानी की कमी है. जब पसीने के माध्यम से शरीर का पानी तेजी से निकलता है और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं लिए जाते, तो यूरिन गाढ़ा हो जाता है। इस स्थिति में पेशाब में मौजूद कैल्शियम, ऑक्सलेट और यूरिक एसिड जैसे तत्व किडनी में जमा होकर पथरी का रूप ले लेते हैं.
किडनी शरीर के विषैले तत्वों और अतिरिक्त मिनरल्स को यूरिन के जरिए बाहर निकाल देती है. लेकिन जब पानी की कमी होती है, तो ये मिनरल्स किडनी में ही जमा होने लगते हैं. धीरे-धीरे ये छोटे-छोटे क्रिस्टल्स में बदल जाते हैं, जो बाद में स्टोन का आकार ले लेते हैं. गर्मियों में यह प्रक्रिया तेज हो जाती है, क्योंकि पसीना अधिक निकलने से शरीर में फ्लूइड्स की कमी होती है.
किडनी में पथरी होने के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
मेदांता हॉस्पिटल में यूरोलॉजी एवं रीनल केयर विभाग के डायरेक्टर डॉ. मनमीत सिंह बताते हैं किपथरी की समस्या होने पर पेट के निचले हिस्से या पीठ में तेज दर्द, पेशाब करते समय जलन या दर्द, पेशाब का रंग गहरा होना या उसमें खून आना, और बार-बार पेशाब का एहसास होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इन संकेतों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सक से सलाह लें.गर्मी में पसीना बढ़ने से शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में अगर पानी कम पिया जाए, तो पेशाब में मिनरल्स की मात्रा बढ़ जाती है, जो पथरी का कारण बनती है. इससे बचने के लिए दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं.
जिनको पहले से किडनी स्टोन है वह क्या करें?
जिन लोगों को पहले से किडनी स्टोन की समस्या है, उन्हें नियमित रूप से यूरिन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें और तली-भुनी चीजों व प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें.गर्मी में पथरी के खतरे को कम करने के लिए हाइड्रेशन पर ध्यान देना सबसे जरूरी है। संतुलित आहार, सक्रिय जीवनशैली और नियमित चेकअप से इस समस्या से बचा जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें, तो सही जानकारी और सावधानी ही किडनी को स्वस्थ रखने की कुंजी है.