Vedant Samachar

महिलाओं में क्यों होता है ओवेरियन कैंसर, कैसे शुरुआत में करें इसकी पहचान?

Vedant Samachar
5 Min Read

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं और इसी वजह से कई बार गंभीर बीमारियां समय रहते पकड़ में नहीं आतीं. ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है ओवेरियन कैंसर, यानी अंडाशय का कैंसर. ये बीमारी चुपचाप शरीर में पनपती है और जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक यह काफी बढ़ चुकी होती है. इसलिए इसकी समय रहते पहचान और समझ बहुत जरूरी है.

ओवेरियन कैंसर क्या है?
ओवेरियन कैंसर महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) में होने वाला कैंसर होता है. महिला शरीर में दो अंडाशय होते हैं जो अंडाणु बनाते हैं और हार्मोन (एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन) का निर्माण करते हैं. जब इन अंडाशयों में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं, तो इसे ओवेरियन कैंसर कहा जाता है. इस बीमारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसेपेट में दर्द या सूजन, जल्दी पेट भरने का अनुभव, बार-बार पेशाब आना, थकान या कमजोरी, वजन कम होना जैसी कई लक्षण हो सकते हैं.

उम्र– आमतौर पर 50 साल से ऊपर की महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है, लेकिन यह कम उम्र में भी हो सकता है.

परिवार में कैंसर का इतिहास- अगर परिवार में किसी महिला को ब्रेस्ट, ओवेरियन या कोलन कैंसर हुआ है, तो खतरा बढ़ जाता है.

हार्मोनल बदलाव- देर से मेनोपॉज होना या लंबे समय तक हार्मोनल थेरेपी लेना भी इसका एक कारण हो सकता है.

प्रेग्नेंसी न होना- जिन महिलाओं ने कभी गर्भधारण नहीं किया, उनमें रिस्क थोड़ा ज्यादा देखा गया है.

अनियमित जीवनशैली- मोटापा, जंक फूड, धूम्रपान और शराब जैसे कारण भी इसका खतरा बढ़ा सकते हैं.

इसलिए हो जाती है अनदेखी
ओवरियन कैंसर के लक्षण अन्य सामान्य बीमारियों जैसे कि पाचन समस्याओं या मूत्र संबंधी विकारों के समान होते हैं. इसके लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं, जिससे इन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है. ओवरियन कैंसर के बारे में जागरूकता की कमी के कारण, महिलाएं अपने लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेती हैं और अनदेखा कर देती हैं. ओवरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और बीमारी का पता लगाने के लिए कुछ कदम उठाना जरूरी है.

नियमित जांच करवाएं
कोई सामान्य लक्षण भी लंबे समय तक बना रहे, तो उसे गंभीरता से लें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें.जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है. इससे महिलाओं को अपने लक्षणों को पहचानने में मदद मिलेगी.

शुरुआत में कैसे पहचानें ?
ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, जिस कारण इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन कुछ संकेतों पर ध्यान देकर इसे पहचाना जा सकता है. जैसे पेट में लगातार सूजन रहना, जल्दी पेट भर जाना या भूख न लगना, बार-बार पेशाब आना, पेट या पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द, मासिक धर्म में बदलाव, वजन तेजी से कम होना या बढ़ना , थकान और कमजोरी महसूस होना इसके शुरुआती लक्षण होते हैं. अगर ये लक्षण लगातार 23 हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

कैसे होती है जांच ?
पेल्विक एग्ज़ामिनेशन, अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन, CA-125 नामक ब्लड टेस्ट या बायोप्सी (जरूरत होने पर) ये जांचें यह तय करने में मदद करती हैं कि कैंसर है या नहीं और अगर है तो किस स्टेज में है.

इलाज क्या है?
ओवेरियन कैंसर का इलाज उसकी स्टेज पर निर्भर करता है और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है. सर्जरी (ऑपरेशन करके कैंसर ग्रसित हिस्से को हटाना), कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी (कुछ मामलों में), अगर समय पर इलाज हो जाए तो इसकी सफलता दर काफी अच्छी होती है.

कैसे करें बचाव?
हालांकि ओवेरियन कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियां इस खतरे को कम कर सकती हैं. हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम करें. शरीर के किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें. साथ ही रेगुलर हेल्थ चेकअप कराते रहें. परिवार में कैंसर का इतिहास हो, तो समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लें.

Share This Article