Vedant Samachar

भारत से लेकर चीन तक के बैंक क्यों खरीद रहे हैं इतना सोना, बन रहा नया रिकॉर्ड

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मुंबई,31मई 2025 : सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. लोग न केवल ज्वैलरी खरीदते हैं. बल्कि आज के समय में गोल्ड ईटीएफ जैसे तमाम इंवेस्ट के ऑप्शन में अपनी मेहनत की कमाई को सोना खरीदने में लगाते हैं. गोल्ड से रिटर्न भी ठीक-ठाक मिल जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत सरकार के पास कितना सोना है. भारतीय गोल्ड बैंक के साथ-साथ दुनिया भर के बैंक सोना आखिर क्यों खरीद रहे हैं और आखिर में किसके पास कितना सोना है. आइए इन सभी सवालों का जवाल यहां तलाशते हैं.

अभी हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी एनुअल रिपोर्ट पेश की, जिसमें देश के आर्थिक मोर्चे पर जुड़े कई सारे आंकड़ें सामने आए. लेकिन इन सभी में जिस एक डाटा ने सबका ध्यान खींचा. उस पर चर्चाएं होने लगी. वह है भारत के गोल्ड रिजर्व. देश के सोने के भंडार में भारी बढ़ोतरी हुई है. यानी भारतीय सरकार ने गोल्ड में अपना भरोसा जताया है. RBI की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2025 तक उसका टोटल गोल्ड रिजर्व 879.58 टन तक पहुंच गया है. 31 मार्च 2024 के मुकाबले उसके टोटल गोल्ड रिजर्व में 57.58 टन की बढ़ोतरी हुई है. वहीं इस गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 57 प्रतिशत तक बढ़ी है.

भारत ही नहीं चीन सहित दुनिया की बड़ी इकोनॉमी वाले देश भी गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहे हैं. चीन की बैंक PBoC ने फरवरी में 5 टन सोना खरीदा था. यह लगातार चौथा महीना रहा जब बैंक ने सोने के भंडार में इजाफा किया था. अब चीन के पास कुल 2,290 टन से ज्यादा गोल्ड रिजर्व है, जो चीन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का करीब 6 प्रतिशत है . वहीं, अगर 2025 के सिर्फ पहले दो महीनों की बात करें, तो चीन ने इसी दौरान 10 टन गोल्ड की खरीदारी की है.

इन देशों के बाद भी अच्छा गोल्ड रिजर्व
भारत और चीन के पास ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देशों के पास भी सोने का अकूत भंडार है. सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व अमेरिका के पास है. उसके पास कुल 8,133.5 टन से ज्यादा सोना है. वहीं, जर्मनी के पास भी करीब 3,500 टन सोना है.

गोल्ड क्यों खरीद रहे देश
सोना में ज्यादा उठा-पटक नहीं होती है. जब होती भी तो कुछ टाइम में वह कवर हो जाती है. अमूनन सोन पॉजिटिव रिटर्न ही देता है. इसे इसीलिए सेफ एसेट के तौर पर देखा जाता है. दुनिया भर के देशों को ग्लोबल टेंशन की आशंका रहती है. क्योंकि पिछले कई सालों से दुनिया युद्धों की जद में है. ऐसे में देश अपनी इकोनॉमी को सुरक्षित रखने के लिए कहीं ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं. जहां पर मुसीबत के वक्त में उनकी मदद हो सके. इस उपाय में सबसे मुफीद सोना ही पड़ता है. इसलिए इसका रिजर्व अब भारत चीन सहित दुनिया के बाकी देश भी बढ़ा रहे हैं.

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