Vedant Samachar

Korba Lohardaga Train : कब से चलेगी कोरबा से लोहरदगा के बीच ट्रेन ?

Vedant samachar
4 Min Read
IRCTC से बुक की गई ऑनलाइन वेटिंग टिकट अगर कन्फर्म नहीं होती

Korba Lohardaga Train : कोरबा-लोहरदगा रेल लाइन सर्वे का जशपुर में ग्रामीणों ने विरोध किया. उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए सर्वे टीम को गांव में प्रवेश से रोक दिया. इस रेलवे लाइन का लोगों को कई सालों से इंतजार है.

Korba Lohardaga Train : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कोरबा-लोहरदगा रेल लाइन के प्रस्तावित सर्वे को लेकर हाल ही में विवाद हो गया। सर्वे के लिए पहुंची अधिकारियों की टीम को सैकड़ों ग्रामीणों ने गांव में प्रवेश नहीं करने दिया. यह रेल परियोजना लंबे समय से प्रतीक्षित है और इसके शुरू होने से छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड के लोगों को भी लाभ होगा. प्रशासन स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में जुटा हुआ है. झारखंड के लोहरदगा से गुमला होते हुए छत्तीसगढ़ के कोरबा तक रेलवे लाइन बिछाने की उम्मीद फिर से साल 2023 में  जागी थी. केंद्रीय रेल मंत्रालय ने ड्रोन सर्वे के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों से सहयोग मांगा था.

साल 2023 में रायगढ़ संसदीय क्षेत्र की सांसद गोमती साय ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय रेल मंत्रालय से मुलाकात कर लोहरदगा, गुमला होते हुए कोरबा तक रेलवे लाइन बिछाने की मांग की थी. उन्होंने कार्य जल्द शुरू करने का आग्रह भी किया था. सांसद की पहल के बाद यह मुद्दा फिर चर्चा में आ गया था. इस बीच गुमला जिले के कई व्हाट्सएप ग्रुपों में ड्रोन सर्वे और संभावित स्टेशनों की सूची वायरल होने लगी थी.

झारखंड और छत्तीसगढ़  के लिए फायदेमंद होगा

झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली कोरबा-जशपुर-गुमला-लोहरदगा रेल लाइन की मांग इन दोनों राज्यों के पांच जिलों में वर्षों से उठ रही है. पूर्व में 250 किमी का सर्वे हो चुका है, लेकिन अब तक यह परियोजना केवल सपना बनी हुई है. कोरबा, रायगढ़, जशपुर और गुमला के लोग रेलवे सुविधा का इंतजार कर रहे हैं. साल 2023 में ड्रोन सर्वे को लेकर जारी पत्र के बाद लोगों में एक बार फिर उम्मीद जगी थी.

पहली बार कब उठी थी इस ट्रेन की मांग

झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच दूरी कम करने और रेल सुविधा बढ़ाने की मांग सबसे पहले 1975 में कोरबा से रांची तक रेल लाइन के रूप में उठी थी. दूरी अधिक होने के कारण बाद में कोरबा से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछाने की मांग जोर पकड़ने लगी. यह मांग वर्षों से जारी है. दोनों राज्यों के सांसद और विधायक कई बार सर्वे करवा चुके हैं, लेकिन अब तक यह परियोजना केवल सर्वे तक ही सीमित रह गई.

रेल मार्ग से रोजगार के अवसर खुल जाएंगे

कोरबा, भाया, जशपुर और गुमला से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछने पर 250 किमी की दूरी आसान हो जाएगी और गरीबों को सुगम यात्रा मिलेगी. कोरबा व लोहरदगा में उद्योग स्थापित हैं, जिससे कच्चे माल का आयात-निर्यात सरल होगा. यह रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा. खासतौर पर गुमला, जो कृषि में आगे बढ़ रहा है, किसानों की उपजायी सब्जियां छत्तीसगढ़ तक आसानी से पहुंच पाएगी. इससे क्षेत्र का विकास होगा.

Share This Article