Vedant Samachar

‘जब पहलगाम हमला हुआ तब पाकिस्तानी हाई कमीशन दानिश के संपर्क में थी ज्योति’, हरियाणा पुलिस का बड़ा खुलासा

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पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाली ज्योति मल्होत्रा को लेकर हरियाणा पुलिस ने रविवार को बड़ा खुलासा किया। जब जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था तब हरियाणा की फेसम यूट्यूबर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी हाई कमीशन के एहसान उर रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।

हिसार के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार ने कहा कि हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा को कथित तौर पर संवेदनशील जानकारी साझा करने और एक पाकिस्तानी नागरिक के साथ लगातार संपर्क में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सेंट्रल एजेसी से इनपुट मिला था, जिसके आधार पर ज्योति को अरेस्ट किया गया। वह कई बार पाकिस्तान जा चुकी है और चीन भी गई है। अभी वह 5 दिनों की रिमांड में है।

4,415 करोड़ है अनुमानित लागत

इस परियोजना में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे बांधों को मजबूत किया जाएगा और सूखा प्रभावित जिलों के लिए समाप्त हो चुकी सिंचाई क्षमता को बहाल किया जाएगा। प्रस्तावित परियोजना की अनुमानित लागत 4,415 करोड़ रुपये है। इसमें से 30 फीसदी (1324.50 करोड़ रुपये) बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि बाकी का 70 फीसदी (3090.50 करोड़ रुपये) विश्व बैंक (IBRD) से लोन के रूप में लिया जाएगा।

कैसे-कैसे खर्च होंगे पैसे?

इसके चार मुख्य घटक हैं, जिनमें 2,487 करोड़ रुपये जलवायु-अनुकूल सिंचाई पर खर्च किए जाएंगे। जबकि, 1,525 करोड़ रुपये बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण, 243 करोड़ रुपये जल प्रशासन और 160 करोड़ रुपये परियोजना प्रबंधन पर खर्च किए जाएंगे। अलग-अलग घटकों के तहत किए जाने वाले कामों को जल संसाधन विभाग (नोडल विभाग के रूप में) ग्रामीण विकास और कृषि विभागों के साथ मिलकर किया जाएगा।

सिंचाई सिस्टम का अपग्रेशन और मॉर्डनाइजेशन

परियोजना चालू वित्त वर्ष 2025-26 में शुरू होने वाली है, जो 7 साल में पूरी की जाएगी। इस परियोजना के तहत प्रमुख सिंचाई सिस्टम को अपग्रेशन और मॉर्डनाइजेशन किया जाना है। इससे बारिश पर निर्भरता कम होगी और किसानों को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। इसके अंतर्गत सोन, गंडक और कोसी बैराजों का पुनर्वास, सोन पश्चिमी मुख्य नहर का आधुनिकीकरण, पश्चिमी कोसी सिंचाई प्रणालियों का पुनर्वास और आधुनिकीकरण, झंझारपुर शाखा नहर का पुनर्वास और आधुनिकीकरण होना है। साथ ही सारण मुख्य नहर (17 किमी से 35 किमी के बीच) का नवीनीकरण और लाइनिंग का काम भी शामिल है।

बाढ़ के जोखिम को कम करना

इस परियोजना में बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए पहचाने गए तटबंधों और स्पर्स का पुनर्वास और सुदृढ़ीकरण (Rehabilitation And Strengthening) भी शामिल है। पुनर्वास और आधुनिकीकरण के लिए विश्व बैंक के सलाहकारों के साथ मिलकर एडवांस डिजाइन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, जो प्रमुख पहल की जानी हैं, उनमें बागमती नदी के बाएं तटबंध को ऊंचा करना, मजबूत करना और पक्का करना शामिल है। इसके अलावा, कटिहार जिले के कुर्सेला ब्लॉक में पाथर-टोला से कमलकानी तक कटाव-रोधी काम, विस्तारित सिकरहट्टा-मंझरी बांध को मजबूत करना और पक्का करना है। वहीं, इसके 11 स्पर्स का जीर्णोद्धार और पूर्वी कोसी तटबंध के 25 स्पर्स का जीर्णोद्धार शामिल है।

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