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एक नॉर्मल व्यक्ति का सामान्य यूरिक एसिड लेवल कितना होना चाहिए?

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आजकल कई लोग जोड़ों के दर्द, सूजन और चलने में दिक्कत की शिकायत करते हैं. इसकी एक बड़ी वजह होती है शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना, लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि यूरिक एसिड का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए और कब यह खतरनाक हो जाता है. ऐसे में व्यक्ति पीड़ा में होकर भी चीजों को नजरअंदाज करता रहता है. जो कि सेहत के लिए ठीक नहीं है. अगर आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करेंगे तो आपको इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. आइए डॉक्टर से जानते हैं कि यूरिक एसिड क्या होता है, इसका सामान्य स्तर क्या है और इसे कंट्रोल में रखने के लिए क्या करना चाहिए.

यूरिक एसिड क्या होता है?
नई दिल्ली में स्वामी दयानन्द हॉस्पिटल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ अजय कुमार बताते हैं कि यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट (अपशिष्ट पदार्थ) होता है, जो शरीर में मौजूद प्यूरिन नाम के तत्व के टूटने से बनता है. प्यूरिन हमारे खाने में मिलने वाले कुछ खास खाद्य पदार्थों जैसे रेड मीट, मछली, दालें, और बीयर आदि में पाया जाता है. जब यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है और किडनी उसे सही से बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह खून में जमा होने लगता है.

यूरिक एसिड का सामान्य स्तर क्या होता है?
सीनियर मेडिकल ऑफिसर अजय कुमार बताते हैं कि शरीर में यूरिक एसिड का सामान्य स्तर इस तरह से होना चाहिए, पुरुषों के लिए 3.4 या 4.5 से 7.0 mg/dL वहीं, महिलाओं के लिए 2.4 या 3.5 से 6.0 mg/dL होना चाहिए. अगर आपके टेस्ट में यूरिक एसिड इससे ज्यादा आता है, तो आपको हाई यूरिक एसिड यानी हाइपरयूरिसीमिया की समस्या हो सकती है, जिससे गाठिया (गठिया), किडनी स्टोन और जोड़ों में सूजन जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं.

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
डॉ अजय कुमार बताते हैं कि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. खानपान में लापरवाही या अधिक प्रोटीन युक्त भोजन करने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ता है. ऐसे में हमें आहार का काफी ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है. अगर शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा हो गया है, तो ये लक्षण दिख सकते हैं. जैसे अंगूठे या पैरों के जोड़ों में तेज दर्द और सूजन, जोड़ों में गर्माहट या लालपन होना, चलने या उठने में दिक्कत, पेशाब में जलन या दर्द, थकावट और कमजोरी महसूस होना ये सभी आम लक्षण होते हैं.

यूरिक एसिड क्यों बढ़ता है?
डॉक्टर कहते हैं कि अधिक मात्रा में रेड मीट, समुद्री मछलियां, दालें, शराब (खासतौर पर बीयर) का सेवन अधिक करने से शरीर में यूरिक एसिड तेजी से बढ़ने लगता है. इसके अलावा मोटापा और शारीरिक गतिविधियों की कमी, डायबिटीज और हाई बीपी, दवाइयों का साइड इफेक्ट, अनुवांशिक कारण (जिनके परिवार में पहले से किसी को यह समस्या रही हो) उन्हें यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा अधिक रहता है.

यूरिक एसिड को कैसे करें नियंत्रित
खूब पानी पिएं-दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से यूरिक एसिड शरीर से बाहर निकलता है.

हाई प्यूरिन फूड्स ना खाएं- जैसे रेड मीट, दालें, राजमा, चने, मछली, बीयर, मशरूम, पालक.

ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं- जैसे सेब, चेरी, खीरा, लौकी, और टमाटर.

रोज हल्की कसरत करें– चलना, योग या साइकलिंग करें जिससे वजन कंट्रोल रहे.

डॉक्टर की सलाह से लें दवाएं – अगर यूरिक एसिड बहुत ज्यादा है, तो डॉक्टर दवा लिख सकते हैं जैसे Allopurinol या Febuxostat.

कब दिखाएं डॉक्टर को?
अगर आपके जोड़ों में लगातार दर्द हो रहा है, सूजन जा नहीं रही या यूरिक एसिड 8.0 mg/dL से ऊपर पहुंच गया है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. सही समय पर इलाज न करने पर यह गठिया (गाउट) या किडनी डैमेज का कारण बन सकता है.

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