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मलेरिया के खतरनाक लक्षण कौन से हैं, कैसे ये बीमारी बन जाती है जानलेवा…

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मलेरिया बहुत खतरनाक बीमारी तो नहीं है, लेकिन अगर इसके लक्षण गंभीर हो जाएं तो ये जानलेवा है. इसकी पहचान और इलाज में होने वाली देरी इसे घातक बना देती है. सामान्य मलेरिया से मरीज एक सप्ताह में उबर सकता है, लेकिन जब मलेरिया गंभीर हो जाता है तो मरीज की जान पर बन आती है. इसलिए जरूरी है कि मलेरिया के लक्षण उभरते ही उसका इलाज शुरु करवा दिया जाए और गंभीर स्थिति में पहुंचने ही न दिया जाए. मलेरिया के गंभीर स्थिति में पहुंचने के कुछ लक्षण उभरते हैं. इन लक्षणों को पहचान कैसें करें.

मलेरिया सामान्य तौर पर मच्छर के काटने से होता है. शुरु में सर्दी लगने के बाद तेज बुखार होना और कुछ समय बाद पसीना आने से बुखार उतर जाना इसका प्रारंभिक लक्षण है. हालांकि बुखार दोबारा भी हो जाता है. मलेरिया जब गंभीर स्थिति में पहुंचता है तो लक्षण भी गंभीर हो जाते हैं. मलेरिया की गंभीर स्थिति में मरीज को सांस लेने में गंभीर परेशानी होती है. शरीर के अंदरूनी हिस्से में रक्तस्राव होने लगता है. शरीर में खून की कमी हो जाती है और मरीज कोमा में भी पहुंच सकता है.

कैसे करें पहचान
दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में मेडिसिन विभाग में यूनिट हेड डॉ सुभाष गिरि बताते हैं किमलेरिया के गंभीर होने के कारण दिमागी मलेरिया भी हो सकता है. गंभीर होने पर शरीर में बेहद कमजोरी महसूस होने लगती है और सांस लेने में बहुत परेशानी का अनुभव होता है. इसके साथ ही खून की कमी और शुगर लेवल भी बहुत कम हो जाता है. मरीज को भ्रम की स्थिति बनने लगती है. मरीज को पीलिया के लक्षण उभरने लगते हैं. इसके साथ ही किडनी की समस्या भी होने लगती है. कई बार तो किडनी फेल भी हो जाती है.

न बरतें लापरवाही
यदि मरीज में गंभीर मलेरिया के लक्षण दिख रहे हैं तो लापरवाही बिलकुल भी न बरतें. मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाएं. गंभीर मलेरिया बहुत घातक होता है, इसलिए घर पर रखकर मरीज के उपचार बारे में विचार भी न करें. जब मरीज की सांस बहुत ज्यादा फूल रही तो तुरंत ही अस्पताल ले जाएं. ऐसी स्थिति में लापरवाही बरतने से मरीज के दिमाग में सूजन भी आ सकती है और उसे दौरे पड़ सकते हैं. इसलिए मलेरिया के गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ही इलाज करवाना चाहिए.

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