Vedant Samachar

हड्डियों में कैंसर के सबसे बड़े लक्षण क्या हैं? कैसे करें इसकी पहचान

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हड्डियों का कैंसर या बोन कैंसर कई तरह का होता है. जब कैंसर की कोशिकाएं हड्डी में बढ़ती हैं तो वे हड्डी के ऊतकों को नुकसान पहुंचाती हैं. बोन कैंसर जिसे बोन सार्कोमा भी कहा जाता है. सामान्य तौर पर यह जांघ की हड्डी, ऊपरी बांह और पिंडली की हड्डी में होता है. इसके अलावा शरीर के कई और अंगों का कैंसर भी हड्डियों में फैल जाता है. हड्डी का कैंसर भी शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है.

हड्डी में कैंसर होने पर सामान्य तौर पर शुरुआत में इसके लक्षण नहीं उभरते हैं. जिसके कारण शुरुआती स्टेज में इसका पता नहीं चल पाता. हड्डी के कैंसर गंभीर होते हैं और उनमें तुरंत उपचार की जरूरत होती है. कई मामलों में समय से उपचार मिलने पर यह पूरी तरह से ठीक भी हो सकते हैं. हड्डी में होने वाले कैंसर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं. इन्हें ऑस्टियो सारकोमा कोंड्रोसारकोमा और कॉर्डोमा. इसके अलावा फाइब्रो सारकोमा. शुरुआत में कुछ लोगों में इनके लक्षण उभरते हैं.

क्या होते हैं हड्डियों में कैंसर के लक्षण
दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी में एचओडी डॉ विनीत तलवार बताते हैं किहड्डी का कैंसर होने पर शुरुआत में कुछ लक्षण उभरते हैं. इनमें हड्डी में दर्द होना. चलने फिरने या हाथ उठाने में दर्द महसूस होना. जोड़ों में दर्द महसूस होना. जोड़ों में अक्सर रात में दर्द महसूस होता है. इसके अलावा किसी तरह की गतिविधि करने पर दर्द का आभास होना. इसके साथ ही प्रभावित स्थान पर गांठ का सूजन हो सकती है. जिससे परेशानी महसूस हो सकती है. इसके अलावा हड्डियों का कमजोर होना और मामूली सी चोट लगने पर टूट जाना. इसके अलावा थकान होना और वजन कम होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं.

क्या करें
यदि आपको बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलने देरी न करें. हड्डी के कैंसर के कुछ मामलों में शुरुआती दौर में ही पूरा उपचार संभव है. हड्डी कैंसर के इलाज में एक या ज्यादा सर्जरी की जरूरत होती है. हालांकि हड्डी के कैंसर का इलाज होने के बाद उसके दोबारा होने की आशंका न के बराबर हीहोती है. इसलिए जरूरी है कि लक्षणों को पहचान कर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और कैंसर है या नहीं इसकी पुष्टि के बाद इलाज की प्रक्रिया जल्दी शुरु करें.

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