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कांग्रेस को मंजूर नहीं वक्फ बोर्ड बिल, सुप्रीम कोर्ट में देगी चुनौती

Lalima Shukla
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लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2025 पास हो चुका है। हालांकि कांग्रेस को यह मंजूर नहीं है। देश की सबसे पुरानी पार्टी का कहना है कि बहुत जल्द इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी और इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देगी।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए इसकी जानकारी दी है।

उन्होंने आगे कहा, “हमें विश्वास है और हम मोदी सरकार द्वारा भारतीय संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर किए गए सभी हमलों का विरोध करते रहेंगे।” इस दौरान जयराम रमेश ने यह भी उल्लेख किया कि कांग्रेस नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही है। इसके अलावा कांग्रेस ने 2019 में RTI एक्ट, 2005 में किए गए संशोधनों को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने चुनाव नियमावली (2024) में किए गए संशोधनों की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।” रमेश ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने 1991 के पूजा स्थल अधिनियम की भावना और पत्र को बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप किया है। इस विधेयक को लोकसभा ने गुरुवार को पारित किया था। इसके बाद इसे राज्यसभा से भी मंजूर मिल गई है।

इससे पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वक्फ विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए आरोप लगाया कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों को तबाह करने के लिए लाया गया है। खरगे ने कहा कि देश में ऐसा माहौल बना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों को तंग करने के लिए लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि वह इस विधेयक को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाएं और सरकार इसे वापस ले ले।

खरगे ने कहा कि ”जिसकी लाठी, उसकी भैंस” की स्थिति उचित नहीं है और यह किसी के लिए ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह दान से संबंधित विधेयक है लेकिन इसके प्रावधानों के जरिये अल्पसंख्यकों के हकों को छीनने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पसमांदा और महिलाओं के कल्याण की बात तो करती है, लेकिन अल्पसंख्यक विभाग के आवंटन में हर साल कटौती की जा रही है।

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