नई दिल्ली,03 मई 2025 :भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी सेवाओं को आधुनिक और तेज़ बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. इनमें वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी हाई-स्पीड और प्रीमियम ट्रेनें प्रमुख हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन शानदार ट्रेनों से सरकार की कितनी कमाई होती है? भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी जैसी ट्रेनों में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. इनकी कमाई के बारे में हाल ही में एक RTI में खुलासा हुआ है. आइए आपको भी बताते हैं इन ट्रेनों से सरकार कितना कमाती है.
RTI में क्या मिला जवाब?
एक आरटीआई के जवाब में रेलवे मंत्रालय ने बताया है कि वह इन ट्रेनों से होने वाली कमाई का अलग से कोई रिकॉर्ड नहीं रखता. मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर आरटीआई में पूछा गया था कि पिछले दो वर्षों में वंदे भारत ट्रेनों से कितना राजस्व प्राप्त हुआ और क्या इनसे लाभ या हानि हुई है. रेल मंत्रालय ने जवाब में कहा, “ट्रेन के हिसाब से राजस्व रिकॉर्ड नहीं रखा जाता”.
कितनी वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं?
वर्तमान में 102 वंदे भारत ट्रेनें देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों में 100 मार्गों पर संचालित हो रही हैं. अब तक दो करोड़ से अधिक यात्री इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में इन ट्रेनों द्वारा तय की गई दूरी पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने के बराबर है.
गौड़ ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे वंदे भारत ट्रेनों से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या और तय की गई दूरी का रिकॉर्ड रखता है, लेकिन राजस्व के बारे में कोई जानकारी नहीं रखता. उन्होंने कहा, “रेलवे अधिकारी एक वर्ष में वंदे भारत रेलगाड़ियों द्वारा तय की गई दूरी की गणना पृथ्वी के चारों ओर कुल चक्करों के बराबर कर सकते हैं, लेकिन उसके पास इन ट्रेनों से एकत्र हुए कुल राजस्व की गणना नहीं है”.
सबसे ज्यादा आती हैं बुकिंग
रेलवे ने पिछले साल अक्टूबर में दायर एक अन्य आरटीआई के जवाब में बताया था कि वंदे भारत ट्रेनों में कुल मिलाकर 92 प्रतिशत से अधिक सीटें बुक रहती हैं, जिसे रेलवे अधिकारी उत्साहजनक आंकड़ा मानते हैं.वंदे भारत ट्रेनों की लोकप्रियता और उच्च बुकिंग दर के बावजूद, रेलवे मंत्रालय इनसे होने वाली आय का अलग से रिकॉर्ड नहीं रखता.
रेलवे का कितना था पैसेंजर रेवेन्यू
रेलवे ने वित्त वर्ष 2025-26 में पैसेंजर रेवेन्यू के 16% की ग्रोथ के साथ 92,800 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान जताया है. रेलवे को उम्मीद है कि वंदे भारत समेत एसी3 क्लास और प्रीमियम ट्रेनों की बढ़ती मांग से यात्रियों से होने वाली इनकम में उछाल आई है.