भारत में एक बीमारी बहुत तेजी के साथ फैल रही है. बिगड़ी दिनचर्या और खराब खानपान के कारण बच्चे भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं. इस बीमारी के कारण कई और गंभीर बीमारियां होने की खतरा रहता है. विशेषज्ञों की माने तो अलगे 25 साल के दौरान भारत में इस बीमारी की सुनामी आ सकती है. भारत में रहने वाले 35 प्रतिशत से ज्यादा लोग इस बीमारी की गिरफ्त में आ सकते हैं. क्या है यह बीमारी और क्यों इतनी तेजी के साथ फैल रही है. इस बीमारी से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए.
यह बीमारी कई और बीमारियों की जनक कही जाती है. इस बीमारी का सीधा संबंध टाइप 2 डायबिटीज, हृदय संबंधी बीमारियों, फैटी लिवर, हार्मोनल विकार, संतान पैदा करने में सक्षम न होना और यहां तक कि कुछ कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ने से भी है. यह बीमारी देश में एक संकट के रूप में उभर रही है. इस बीमारी का मुख्य कारण खराब जीवनशैली और बिगड़ी दिनचर्या व खानपान है. यह बीमारी बच्चों को भी चपेट में ले रही है.
क्या है यह बीमारी
इस बीमारी के ओबेसिटी यानी मोटापा कहा जाता है. द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक भारत में रहने वाले लगभग एक तिहाई लोग या फिर 44.9 करोड़ लोग मोटापे की गिरफ्त में आ सकते हैं. एम्स के मेडिसिन विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल के अनुसार 20 और 30 की उम्र के लोगों में गैर-संचारी रोगों में खतरनाक वृद्धि हुई है. इसका मुख्य कारण मोटापा है. एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और डीन डॉ. राजेश उपाध्याय के अनुसार ओबेसिटी का तुरंत समाधान करने की जरूरत है. यह देश के स्वास्थ्य सेवा ढांचे और आर्थिक उत्पादकता पर भी गंभीर असर डाल सकती है.
इसको कैसे नियंत्रित करें
विशेषज्ञ कहते हैं कि महामारी के रूप में बढ़ रही मोटापे की इस बीमारी को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर काम करने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. यह बीमारी सीधे तौर पर जीवनशैली से जुड़ी है. छोटी उम्र में भी बच्चे इसका शिकार बन रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए स्कूलों से ही जागरूकता लाने का प्रयास करने होंगे. बच्चों को यह बताया जाए कि उनकी सेहत के लिए क्या अच्छा है और क्या खराब. इतना ही नहीं स्वस्थ जीवनशैली को अभ्यास में लाने की भी जरूरत है. अभी से इसके लिए प्रयास नहीं किए गए तो दो दशक बाद देश की सेहत पूरी तरह से बिगड़ सकती है.