न्यूज ब्यूरो। कोल इंडिया ने हाल ही में एक कार्यालय आदेश जारी किया है, जिसमें कर्मचारियों को गोपनीय और संवेदनशील कागजातों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने पर रोक लगाई गई है। इस आदेश के बाद कर्मचारियों के बीच कई सवाल उठने लगे कि आखिर अचानक प्रबंधन ने ये सेंसरशिप का पत्र क्यों जारी किया?
एक विश्वस्त सूत्र के मुताबिक, ड्रेस कोड से जुड़ा 10 पेज का दस्तावेज बिना बोर्ड में प्रस्तुत हुए ही वायरल हो गया था। यह दस्तावेज सीआईएल बोर्ड के लिए तैयार किया गया था। वायरल होने के बाद प्रबंधन अति गंभीर हो उठा और सीआईएल मुख्यालय के लगभग एक दर्जन कर्मचारियों के मोबाइल को जमा कर उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।
प्रबंधन की मंशा सोशल मीडिया पर सकारात्मक आलोचना को रोकना नहीं है, बल्कि गोपनीय और संवेदनशील कागजातों को लीक होने से बचाना है। कंपनी को सेबी को जवाब देना पड़ता है, इसलिए यह रोक जरूरी है।
उच्च स्तरीय जांच के बाद पता चलेगा कि किसने ड्रेस कोड से जुड़े कागजात को वायरल किया था। इसके बाद दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। कोल इंडिया के इस कदम से कर्मचारियों में अनुशासन और गोपनीयता की भावना बढ़ेगी।