नई दिल्ली ,06अप्रैल 2025: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगा दिया है. देश के कई सेक्टर पर इसका असर होने की संभावना जताई जा रही है. यहां तक कि देश के ‘मच्छी मार्केट’ यानी समुद्री सामानों के एक्सपोर्ट बिजनेस पर भी इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है. आखिर कैसे ये देश के समुद्री सामानों के एक्सपोर्ट को प्रभावित करेगा.
भारत हर साल अमेरिका को अरबों डॉलर का समुद्री उत्पाद एक्सपोर्ट करता है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 2.5 अरब डॉलर के समुद्री उत्पाद का निर्यात किया था. अब ट्रंप टैरिफ से इस पूरे कारोबार पर असर पड़ सकता है.
झींगा के बिजनेस को हो सकता है नुकसान
भारत से अमेरिका को जितना भी समुद्री उत्पाद का निर्यात होता है, उसमें से करीब 92 प्रतिशत सिर्फ झींगा (प्रॉन्स) होता है. भारत अमेरिका को झींगा की आपूर्ति करने वाले सबसे बड़े सप्लायर देश में से एक है. इसके अलावा कई तरह की मछलियां भी भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट की जाती हैं. अब जब भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लग गया है, तो इस सेक्टर के एक्सपोर्ट पर इसका असर पड़ना संभव है.
600 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
फिशरीज एक्सपोर्ट बिजनेस में लगे कारोबारियों के संगठन भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात संघ के अध्यक्ष पवन कुमार का कहना है कि ट्रंप टैरिफ से भारत के एक्सपोर्टर्स पर करीब 600 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में ज्यादातर एक्सपोर्ट ऑर्डर डोरस्टेप डिलीवरी वाले होते हैं. इसलिए सामान पर लगने वाली ड्यूटी निर्यातकों को देना होती है.
भारत के समुद्री उत्पाद एक्सपोर्ट पर इस हाई टैरिफ का असर 9 अप्रैल से दिख सकता है, क्योंकि वर्तमान में इन प्रोडक्ट्स के 2000 कंटेनर अमेरिकी बाजार में हैं. भारत में समुद्र से प्राप्त सामान जैसे झींगा, शार्क, ट्यूना, सैलफिश, हिल्सा, सार्डिन, मैकेरल और व्हेल शार्क हैं.
भारत को नुकसान इक्वाडोर को फायदा
अमेरिका ने भारत पर 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. जबकि इस मामले में इक्वाडोर पर सिर्फ 10% का टैरिफ लगा है. इस वजह से समुद्री उत्पाद के एक्सपोर्ट में इक्वाडोर को फायदा हो सकता है. वहीं भारत जो अमेरिका को सबसे अधिक समुद्री खाद्य निर्यात करता है उसे काफी अधिक नुकसान हो सकता है.
अमेरिका ने वियतनाम पर 46% और इंडोनेशिया पर 32% प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाया गया है. इन दोनों देशों की कीमत पर भी इक्वाडोर को फायदा होगा. ट्रंप टैरिफ की वजह से इक्वाडोर अमेरिकी बाजार में सबसे बड़ा झींगा सप्लायर बन सकता है और भारत की जगह ले सकता है.