कोरबा 26 मार्च 2025 (वेदांत समाचार)। पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के पसान अंतर्गत ग्राम पंचायत अड़सरा में ग्राम वासियों में चर्म-रोग होने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 मार्च 2025 को ग्रामीणों की जांच कर दवाईयों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही लोगों को बचाव हेतु विभाग द्वारा शिविर लगाकर इलाज व स्वास्थ्य शिक्षा दिया जा रहा है।
सीएमएचओ डॉ.एस.एन. केशरी ने स्केबीज बीमारी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया की स्केबिज को आमतौर पर खुजली के नाम से जाना जाता है, यह एक त्वचा संबंधी रोग है जो सरकोप्टस स्कैबीई नामक छोटे कीड़ों (माइट्स) की वजह से होता है। ये माईट्स त्वचा के नीचे सुरंग बनाते है जिससे लाल दाने और खुजली होती है जब ये माईट्स त्वचा के नीचे अंडे देते हैं तो यह लगातार खुजली और रैश का कारण बनता है। यह एक तेजी से फैलने वाला संक्रामक त्वचा रोग है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। स्केबिज के माईट्स आमतौर पर शरीर के सिलवटों और त्वचा की दरारों में पाये जाते हैं जैसे उंगलियों के बीच की जगह, जननांग और जांघों की सिलवटे, घुटनों और कलाई के पास, कमर का क्षेत्र, नाखूनों के नीचे।
उन्होंने बताया कि स्केबिज संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक त्वचा के संपर्क में रहने, संक्रमित व्यक्ति के कपडे-बिस्तर या तौलिया साझा करने से फैल सकता है। स्केबिज होने पर तेज खुजली जो आमतौर पर रात्रि में होती है, शरीर पर पिंपल जैसे दाने दिखाई देते हैं, त्वचा पर पपड़ी या फफोले हो सकते है, लगातार खुजली की वजह से घाव बन सकता है तथा शरीर पर भूरे रंग की रेखाएं या त्वचा के रंग की लाइन्स स्कीन पर दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि स्केबिज से बचाव के लिए अपने बिस्तर, कपड़े और तौलिए को नियमित रूप से गर्म पानी में धोएं, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से सभी परिवार के सदस्य स्केबिज जाँच कराएं, स्केबिज (खुजली) होने पर मरीज दूसरों से दूर रहे, मरीज के गद्दे तकिया और कंबल को धूप में रखें तथा शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें। साथ ही उपरोक्त लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सकीय सलाह लें।