मुंबई,08जून 2025 : डायरेक्ट फॉरेन इंवेस्टमेंट के मामले में दो राज्यों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ताज्जुब की बात तो ये है कि इन दोनों राज्यों की कुल एफडीआई में 51 फीसदी हिस्सेदारी है. ये दो राज्य कोई और नहीं बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं. इन दोनों ने विदेशी निवेश को अपने राज्यों में सबसे ज्यादा खींचा है. महाराष्ट्र पूरे देश में इकलौता ऐसा राज्य है जिसके बाद एफडीआई के रूप में 10 अरब डॉलर से ज्यादा पैसा आया है. बाकी राज्यों में ये आंकड़ा 10 अरब डॉलर से कम देखने को मिला है. आइए आपको भी बताते है कि डीपीआईआईटी की ओर से किस तरह की जानकारी दी गई है.
महाराष्ट्र और कर्नाटक में सबसे ज्यादा निवेश
डीपीआईआईटी के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह में महाराष्ट्र और कर्नाटक का योगदान 51 प्रतिशत था. महाराष्ट्र ने अप्रैल-मार्च 2024-25 के दौरान अधिकतम 19.6 अरब डॉलर का विदेशी प्रवाह आकर्षित किया और देश के कुल एफडीआई का 31 प्रतिशत हिस्सा रहा. आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान कर्नाटक को 6.62 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ. विशेषज्ञों के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अधिकतम निवेश का मुख्य कारण बुनियादी ढांचे में पर्याप्त सुधार है.
इन राज्यों में भी आया निवेश
महाराष्ट्र और कर्नाटक के अलावा कई और राज्यों में अरबों डॉलर का निवेश देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में बीते वित्त वर्ष में छह अरब डॉलर का निवेश देखने को मिला है. उसके बाद नंबर गुजरात का है. जहां पर बीते वित्त वर्ष में 5.71 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. दक्षिण भारत के बड़े और अमीर राज्यों में शुमार तमिलनाडु ने भी 3.68 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है. जबकि उत्तर भारत के बड़े राज्यों में शुमार हरियाणा में विदेशी निवेशकों ने 3.14 अरब डॉलर के निवेश की हामी भरी है. वहीं तेलंगाना ने तीन अरब डॉलर का एफडीआई हासिल किया है.
क्या कह रहे हैं जानकार
एक अर्थशास्त्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है और यही कारण है कि भारत में एफडीआई के लिए ये आकर्षक गंतव्य बन रहे हैं. पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल एफडीआई, जिसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है, 14 प्रतिशत बढ़कर 81.04 अरब डॉलर हो गया. यह पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है. वित्त वर्ष 2023-24 में यह 71.3 अरब डॉलर रहा.