रायपुर ,18 मई 2025(वेदांत समाचार)। प्रदेश में पड़ रही तेज गर्मी के बीच मौसम बदल गया है। रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव समेत कई इलाकों में सुबह से गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हो रही है।
इससे पहले 4 दिन पांचों संभाग के जिलों में यलो अलर्ट जारी है। इस दौरान 40-50 किमी की रफ्तार से हवा चल सकती है। गरज चमक के साथ कहीं-कहीं बिजली गिरने की आशंका है। बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों में इसका ज्यादा असर रहेगा।
मौसम विभाग का अलर्ट
बता दें कि, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से पिछले कुछ दिनों से प्रदेश का तापमान 5 डिग्री तक कम है। बुधवार को 41.2 डिग्री के साथ दुर्ग सबसे गर्म रहा।

मौसम विभाग रायपुर के मुताबिक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक टर्फ की एक्टिविटी के कारण प्रदेश में बादल, बारिश और आंधी की स्थिति बन रही है।
अगले 2 दिन गरज चमक की स्थिति ज्यादा
मौसम विज्ञानी गायत्री वाणी कंटिभोटला के मुताबिक बस्तर और सरगुजा संभाग में बिजली गिरने के साथ और गरज चमक की संभावना है। ऐसी स्थिति अगले 4 से 5 दिनों तक पूरे प्रदेश में रहेगी, लेकिन दक्षिण छत्तीसगढ़ में इसका असर ज्यादा देखने रहेगा। वहीं मध्य छत्तीसगढ़ में गरज चमक के साथ बिजली गिर सकती है।
रायपुर में सुबह से बादल छाए
रायपुर में सुबह से बादल छाए हैं और बूंदाबांदी हो रही है। आज यहां गरज चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी है। शनिवार को दिन का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री कम रहा। यहां अधिकतम पारा 38.6 डिग्री रहा। वहीं रात का पारा भी 26.5 डिग्री रहा। यह भी नॉर्मल टेम्प्रेचर से कम था।
दुर्ग सबसे गर्म रहा
दुर्ग जिले में शनिवार को अधिकतम तापमान 41.2 रहा जो प्रदेश में सबसे अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यहां शनिवार देर रात को गरज चमक के साथ बारिश हुई। सुबह से बादल छाए हुए हैं। राजनांदगांव, दुर्ग और उसके आस-पास क्लाउड बनने के कारण देर रात को तेज बारिश हुई है।
क्या अलर्ट है आने वाले दिनों के लिए?
मौसम विभाग के मुताबिक,अगले 2 दिनों तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। इसके बाद 3 दिन और ऐसा ही मिजाज रहने वाला है। बस हवाएं थोड़ी धीमी (40-50 किमी/घंटा) हो सकती हैं।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ?
पश्चिमी विक्षोभ कैस्पियन या भूमध्य सागर से बनने वाले तूफान होते हैं। ये भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में बारिश और ठंड लाने का काम करते हैं। असल में ये हवाएं बर्फीली होती हैं, जो अपने साथ नमी लेकर आती हैं।
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागर से निकलती हैं। इसके बाद ये ईरान, इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होते हुए सीधा भारत पहुंचती हैं। यहां पहुंचते ही यह मैदानी इलाकों में अपना असर दिखाने लगती हैं।