Vedant Samachar

भारत में तुर्की के खिलाफ उठने लगी आवाज, एहशान फरामोश की हालत होगी पतली

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नेशनल डेस्क,15 मई 2025 : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ एक सख्त और निर्णायक कदम उठाया। भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया। इससे न केवल पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी गई, बल्कि उन देशों की पहचान भी हो गई जो पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

तुर्की ने पाकिस्तान का दिया साथ…

दरअसल, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन और हथियारों की आपूर्ति की, जिससे भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया है। कई संगठनों और आम नागरिकों ने तुर्की की वस्तुओं और सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसमें सबसे प्रमुख मांग तुर्की से आयातित सेब पर रोक लगाने की है।

तुर्की से सेब आयात पर बैन की मांग

वहीं तुर्की के इस तरह के हरकत के बाद हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादक किसानों का कहना है कि तुर्की से सस्ते सेब के आयात ने उन्हें भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। “हिमालयन एप्पल ग्रोअर्स सोसाइटी” नामक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तुर्की से सेब आयात पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

देश के लाखों किसान संकट में…

संगठन ने कहा कि इन तीनों राज्यों के लाखों परिवार सेब की खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर हैं। यह सिर्फ रोजगार का मामला नहीं है, बल्कि इन क्षेत्रों की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान से भी जुड़ा है। अगर सस्ते विदेशी सेबों का आयात ऐसे ही चलता रहा, तो पारंपरिक सेब उत्पादक क्षेत्र संकट में आ जाएंगे।

821 करोड़ रुपये का आयात…

वित्तीय वर्ष 2023-24 में तुर्की से 821 करोड़ रुपये मूल्य के सेब भारत में आयात किए गए। इससे भारतीय सेब की कीमतों में गिरावट आई और किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा। इससे किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं।

सेब किसानों को राहत देने की जरूरत

सेब उत्पादकों ने सरकार से जो मांगें की हैं वे इस तरह से है…

-तुर्की से सेब आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

-अन्य देशों से सेब आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) तय किया जाए।

-इंपोर्टेड सेब पर कठोर गुणवत्ता और फाइटोसेनेटरी मानक लागू किए जाएं।

-हिमालयी राज्यों के लिए विशेष बागवानी संरक्षण नीति बनाई जाए।

-किसानों को समर्थन मूल्य या सीधी आर्थिक सहायता (Direct Income Assistance) दी जाए।

भारत ने किया था तुर्की की मदद

गौरतलब है कि फरवरी 2023 में तुर्की में जबरदस्त भूकंप आया था, तब भारत ने सबसे पहले मदद भेजी थी। ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारत ने तुर्की में राहत और बचाव कार्य चलाए थे और बड़ी मात्रा में सहायता सामग्री भी भेजी थी। इसके बावजूद तुर्की का पाकिस्तान का साथ देना भारतीयों को खटक रहा है।

सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत

हिमालयी राज्यों के किसान चेतावनी दे रहे हैं कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो पारंपरिक सेब उत्पादन को भारी नुकसान होगा। तुर्की से सेब आयात पर रोक लगाने से जहां किसानों को राहत मिलेगी, वहीं देश को भी आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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