Vedant Samachar

रुपए की दहाड़ आगे शांत हुआ डॉलर, होगी ऐसी हालत ट्रंप भी थे बेखबर

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मुंबई,02मई 2025 : भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही टेंशन का असर रुपए पर बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल रहा है. खास बात तो ये है कि रुपए मौजूदा समय में इस तरह दहाड़ रहा है जैसे जंगल का राजा शेयर दहाड़ता है. रुपए की गर्जना से डॉलर और दुनिया की बाकी करेंसी दुबकर शांत बैठ गई हैं. आंकड़ों को देखें तो रुपए में 77 पैसे का इजाफा देखने को मिला है. जो कि मौजूदा साल में किसी भी एक दिन का सबसे बड़ा जंप है. खास बात तो ये है कि रुपया डॉलर के सामने 7 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है. जैसा कि टीवी9 भारतवर्ष ने एक पहले यानी 1 मई को कहा था कि रुपए में मैक्सीमम एक रुपए की तक तेजी देखने को मिल सकती है. वो अगले 2 मई को सच होती हुई दिखाई दी. उसका कारण भी है.

जहां कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर विदेशी निवेशकों का निवेश लगातार बढ़ रहा है. इसके अलावा अप्रैल का जीएसटी का आंकड़ा 2.37 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया, जोकि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. इसके अलावा अमेरिका और भारत के बीच बीटीए का ऐलान कभी हो सकता है. साथ ही टैरिफ के बाद भारत अमेरिका के साथ बीटीए करने वाला दुनिया का पहला देश हो सकता है. जिसका असर भी रुपए पर देखने को मिल रहा है. साथ ही ऑटो टैरिफ को होल्ड करने का असर भी भारत की करेंसी पर साफ देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर डॉलर और रुपए के बीच के आंकड़े किस तरह के देखने को मिल रहे हैं.

7 महीने के हाई पर रुपया
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77 पैसे बढ़कर 83.77 पर पहंच गया है, जोकि रुपए का 7 महीने क हाई है. आखिरी बार ​रुपए काा ये लेवल सितंबर 2024 में देखने को मिला था. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अप्रैल के लिए जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपए के साथ मजबूत रहा, जो अब तक का उच्चतम स्तर है, जो घरेलू मांग के हेल्थ को दिखाता है. इसके अलावा, विदेशी निवेशकों का निवेश और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का प्रभाव भी रुपए पर देखने को मिल रहा है.

हालांकि, सतर्कता बनी हुई है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कोई भी वृद्धि तेजी से लाभ को उलट सकती है और रुपये पर दबाव डाल सकती है, जैसा कि पिछले जियो पॉलिटिकल टेंशंस में देखने को मिला था. इंतरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 83.98 पर खुला, फिर बढ़त हासिल की और 83.77 पर पहुंच गया. जो पिछले बंद के मुकाबले 77 पैसे तेज था. बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 42 पैसे बढ़कर 84.54 पर पहुंच गया. महाराष्ट्र दिवस के कारण गुरुवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था.

क्या कहते हैं जानकार
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा कि मार्च में रुपए में 2 फीसदी की तेजी देखी गई थी, जो नवंबर 2018 के बाद से किसी एक महीने में डॉलर के मुकाबले रुपए का बेस्ट परफॉर्मेंस था. जिसमें कमजोर अमेरिकी डॉलर आउटलुक का भी योगदान रहा. हालांकि, मौजूदा भू-राजनीतिक जोखिमों – खासकर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ तनाव – के बीच सतर्कता बनी हुई है, जिससे रुपए में अस्थिरता आ सकती है. उन्होंने कहा कि इसी समय, डॉलर इंडेक्स (DXY) को 98 पर समर्थन मिला है और नए सिरे से व्यापार आशावाद के कारण यह 102 की ओर बढ़ सकता है. डॉलर में लगातार तेजी रुपए पर दबाव डाल सकती है, जिससे इसकी हालिया बढ़त सीमित हो सकती है और निकट भविष्य में अस्थिरता फिर से आ सकती है.

जीएसटी, कच्चा तेल और शेयर बाजार का सपोर्ट
घरेलू आर्थिक मोर्चे पर, जीएसटी कलेक्शन अप्रैल में साल-दर-साल 12.6 फीसदी बढ़कर लगभग 2.37 लाख करोड़ रुपए लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया, जिसके बारे में सरकार ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन और सहकारी संघवाद की प्रभावशीलता को दर्शाता है. अप्रैल 2024 में सकल जीएसटी कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रुपये था – 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे अधिक कलेक्शन है. नेट कलेक्शन 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा.

इस बीच, डॉलर इंडेक्स 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 99.97 पर कारोबार कर रहा था. इंटनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड रिबाउंट होता हुआ दिखाई दिया और 0.55 प्रतिशत बढ़कर 62.45 डॉलर प्रति बैरल हो गया. घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 722.82 अंक या 0.90 प्रतिशत बढ़कर 80,965.06 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 203.70 अंक या 0.84 प्रतिशत बढ़कर 24,537.90 पर पहुंच गया. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 50.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

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