जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को राहत देते हुए, बीमा दावे की प्रक्रिया में छूट देने का ऐलान किया है। एलआईसी ने एक बयान में कहा कि उसे नागरिकों की मौत पर गहरा दुख है और वह पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। बीमा कंपनी ने दावा निपटान की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने की बात कही है ताकि पीड़ित परिवारों को जल्दी से जल्दी आर्थिक मदद मिल सके।
क्या-क्या मिल रहीं रियायतें?
एलआईसी के सीईओ और एमडी सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि पीड़ित परिवारों को परेशानियों से बचाने के लिए कई रियायतें दी जा रही हैं। इसमें अगर किसी मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, तो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कोई भी जानकारी, जिससे यह साबित होता हो कि व्यक्ति की मौत इस आतंकी हमले में हुई है, प्रमाण के रूप में स्वीकार की जाएगी। इसके अलावा, केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से दी गई कोई मुआवजा राशि भी मृत्यु का प्रमाण मानी जाएगी।
दावेदारों के लिए एलआईसी क्या करेगा?
एलआईसी ने कहा है कि वह खुद पहल कर के पीड़ित परिवारों से संपर्क करेगा और उनका दावा जल्द से जल्द निपटाएगा। इसके लिए पूरे देश की शाखाओं में एक विशेष प्रक्रिया लागू की जा रही है। अगर कोई परिवार इस आतंकी हमले में अपने किसी सदस्य को खो चुका है और उसका LIC में बीमा था, तो वे निकटतम LIC शाखा/डिवीजन/कस्टमर ज़ोन से संपर्क करें। या LIC के हेल्पलाइन नंबर 022-68276827 पर कॉल करें।
पहलगाम में आतंकी हमला
आतंकवादियों ने मंगलवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए, जो 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे।
भारत का पाकिस्तान पर एक्शन
इस हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता और एकीकृत अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया है।
पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का निर्देश
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को भी अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। देश ने आगे सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत प्रदान किए गए किसी भी वीजा को रद्द करने का फैसला किया और पाकिस्तान को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का भी फैसला किया है।