विषयों में आसक्त होने पर मन बंध जाता है, माधव में आसक्त होने पर मन स्वतंत्र हो जाता है, हमें हर स्थिति में माधव का ध्यान करना चाहिए- पंडित श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री

0 पं.रविशंकर शुक्ल नगर कपिलेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में संगीतमय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में उमड़ रहे श्रोता

कोरबा, 20 मार्च। विषयों में आसक्त होने पर मन बंध जाता है ,और माधव में आसक्त होने पर मन स्वतंत्र हो जाता है। इसलिए हमें हर स्थिति में माधव का ध्यान करना चाहिए। उक्त बातें श्री धाम वृंदावन (मथुरा)से पधारे पंडित श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री “ब्रजवासी जी पंडित रविशंकर शुक्लनगर स्थित कपिलेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित संगीतमय श्री मद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तृतीय दिवस बुधवार को आयोजित कपिल भगवान कथा प्रसंग के दौरान कही।

आचार्य श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं को ध्रुव की नारायण प्राप्ति को लेकर अटूट भक्ति का प्रभावपूर्ण ढंग से कथा श्रवण कराते हुए बताया बालक ध्रुव अटूट समर्पण ,तप से देवर्षी नारद की परीक्षा में भी सफल हो गए। जब परीक्षा लेते हुए देवर्षी नारद ने बालक ध्रुव से कहा कि एक क्षत्रिय बालक हो घर में तीनों पहर का भोजन आपको मिलता था । वन में आपका पेट कैसे भरेगा। नारद जी की इस सवाल का नारायण की खोज में तप के लिए निकले बालक श्रुव ने हरि कृपा से अटूट ईश्वर भक्ति ,विश्वास का प्रमाण देते हुए कहा कि मयूर ,तोते में जो ईश्वर रंग भरते हैं वो मुझ छोटे से बालक का पेट भर ही देंगे। आचार्य श्री गौड़ शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं को नवधा की 9 भक्ति का जीवन में महत्व समझाते हुए बताया कि नवधा की 9 क्या एक भक्ति भी किसी के जीवन में वास में हो जाए तो उसके हृदय (जीवन)में परमात्मा प्रकट हो जाते हैं।

आचार्य ने महात्मा -ग्वालिन संवाद के माध्यम से बताया कि जब हम किसी से प्रेम करते हैं तो उसके हिसाब नही करते तो फिर हम जब परमात्मा से इतना प्रेम करते हैं तो माला जपने व अन्य पूजा पाठ का हिसाब क्यों रखें। मूर्ति इत्यादि के माध्यम से भगवान को तब तक भजना चाहिए जब तक पूर्ण रूप से परमात्मा में मन न लग जाए। आचार्य श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं को बताया कि हमें कार की जगह संस्कार देना चाहिए ,संस्कार से आगे बढ़कर वो कार तो खरीद ही सकते हैं। उन्होंने जीवन में गुरु -शिष्य के प्रमुख गुणों को बताया कि गुरु को हमेशा शिष्य के कल्याण की सोंच रखना चाहिए न कि धन की। उसी तरह शिष्यों में गुरु से हमेशा भक्ति ज्ञान ग्रहण करने का भाव होना चाहिए। आचार्य श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं को वर्तमान परिवेश के आधार पर गृहस्थ जीवन को अटूट बनाए रखने बेटी को मायके से ससुराल विदा करते समय पति के साथ घरेलू नोंक झोंक को अपने कमरे में ही सुलझा लेने बाहर न आने देने की नसीहत देने की बात कही। आचार्य ने बेटियों को पति के साथ सास ससुर एवं संतों की मान सम्मान करने की शिक्षा देने की बात कही।


चतुर्थ दिवस 20 मार्च को वामन अवतार ,श्री रामावतार ,श्री कृष्ण जन्मोत्सव होगा। पंचम दिवस 21 मार्च को बाल लीला ,गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग लगेगा। छठवें दिवस 22 मार्च को महारास कथा ,श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह उत्सव होगा। सातवें दिवस 23 मार्च को सुदामा चरित्र ,कुरुक्षेत्र में राधा-कृष्ण का मिलन ,भगवान शुकदेव विदाई एवं व्यास पूजन होगा। आठवें दिवस 24 मार्च को हवन ,पूर्णाहुति व प्रसाद वितरण के साथ पावन धार्मिक आयोजन का समापन होगा। समिति ने नगर एवं क्षेत्र के श्रद्धालुओं को उक्त पावन श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शामिल होकर अपने जीवन का धन्य बनाने का आग्रह किया है।