नई दिल्ली 01मई 2025 :IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स का सफर खत्म हो चुका है. वो इस सीजन में टूर्नामेंट से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई है. 30 अप्रैल को पंजाब किंग्स के खिलाफ अपने घर पर हारते ही चेन्नई के प्लेऑफ में पहुंचने की सारी उम्मीद खत्म हो गई. पहली बार ऐसा हुआ है जब चेन्नई की टीम अपने घर पर लगातार 5 मैच हारी है. वहीं एमएस धोनी की कप्तानी के बावजूद CSK इस सीजन 10 में से 2 मैच ही जीत सकी. आईपीएल के इतिहास में CSK के ये सबसे शर्मनाक प्रदर्शनों में से एक है. लेकिन ऐसी क्या वजह रही कि 5 बार की चैंपियन टीम इस बार सबसे पहले बाहर हो गई? आइये जानते हैं.
- आक्रामक बल्लेबाजी की कमी
आधुनिक T20 क्रिकेट में बल्लेबाजी की रणनीति पूरी तरह बदल चुकी है, जहां टीमें पावरप्ले में ही मैच का रुख तय कर देती हैं. लेकिन CSK की बल्लेबाजी इस मामले में पिछड़ी रही. पावरप्ले, मिडिल ओवर्स या डेथ ओवर्स—किसी भी फेज में CSK के बल्लेबाजों ने आक्रामकता दिखाने में नाकामी दिखाई. हैरानी की बात यह है कि 30 अप्रैल तक CSK ने पहले बल्लेबाजी करते हुए एक बार भी 200 रन का आंकड़ा पार नहीं किया था. उनका एकमात्र 200+ स्कोर पंजाब के खिलाफ चेज में आया, लेकिन वह मैच भी हार में समाप्त हुआ. - पावरप्ले और ओपनिंग में नाकामी
इस सीजन में ज्यादातर टीमों ने पावरप्ले (पहले 6 ओवर्स) का भरपूर फायदा उठाया, लेकिन CSK की ओपनिंग जोड़ी लगातार संघर्ष करती रही. टीम ने रचिन रवींद्र, डेवोन कॉनवे और राहुल त्रिपाठी जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया, लेकिन कोई भी टीम को तेज शुरुआत नहीं दिला सका. अंत में CSK को अपने युवा खिलाड़ियों जैसे शेख रशीद और आयुष म्हात्रे पर निर्भर रहना पड़ा, जो अभी अनुभवहीन हैं. हालांकि, दोनों बल्लेबाजों ने कुछ झलकियां दिखाई लेकिन वो भी अभी तक ज्यादा सफल नहीं रहे हैं.
इस सीजन CSK कापावरप्ले रन रेट मात्र 7.9 रहा, जो सभी टीमों में सबसे खराब है. साथ ही, पावरप्ले में CSK ने सिर्फ 6 छक्के ही लगाए, जो दूसरी टीमों के मुकाबले सबसे कम है. इसके अलावा, CSK का बॉल-टू-बाउंड्री प्रतिशत 5.1 है, जो सभी टीमों में सबसे खराब है.
- खराब फील्डिंग
CSK ने इस सीजन न केवल बल्लेबाजी बल्कि फील्डिंग में भी बेहद खराब प्रदर्शन किया. टीम ने अब तक 17 कैच ड्रॉप किए हैं, जो राजस्थान रॉयल्स (18) के बाद सबसे ज्यादा है. ऋतुराज गायकवाड़ और धोनी ने भी माना कि फील्डिंग की कमजोरी ने टीम को भारी पड़ा है. - खराब ऑक्शन स्ट्रैटेजी
CSK के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना और कई एक्सपर्ट्स ने टीम की ऑक्शन रणनीति पर सवाल उठाए हैं. 55 करोड़ रुपये होने के बावजूद CSK कोई बड़ा गेम-चेंजर खिलाड़ी नहीं खरीद पाई और मजबूत कोर टीम बनाने में असफल रही. उसने दिग्गज खिलाड़ियों पर भरोसा जताया लेकिन वो नाकाम रहे हैं. टॉप ऑर्डर में रचिन रवींद्र और कॉनवे जैसे खिलाड़ियों पर भरोसा किया गया, जो फ्लॉप साबित हुए. मिडिल ऑर्डर में राहुल त्रिपाठी, दीपक हूडा और रवींद्र जडेजा भी असफल रहे.
रैना का मानना था कि CSK कोऋषभ पंत या ईशान किशन जैसे आक्रामक विकेटकीपर-बल्लेबाज पर निवेश करना चाहिए था. वहीं, गेंदबाजी में भी नूर अहमद और खलील अहमद के अलावा कोई खास प्रभाव नहीं दिखा. रविचंद्रन अश्विन और जडेजा जैसे दिग्गज भी फेल रहे. वहीं मथीशा पथीराना काफी महंगे साबित हुए और विकेट चटकाने में भी संघर्ष करते दिखे.
- कप्तानी और युवाओं पर कम भरोसा
CSK के मूल कप्तानऋतुराज गायकवाड़ चोटिल हो गए, जिसके बाद धोनी ने कप्तानी संभाली. लेकिन उनकी रणनीति में भी स्पष्टता नहीं दिखी. टीम में लगातार बदलाव किए गए, लेकिन खिलाड़ियों को अपनी भूमिका समझ नहीं आई. इसके अलावा CSK ने युवाओं को कम मौके दिए. जहां अन्य टीमों ने वैभव सूर्यवंशी और प्रियांश आर्या जैसे युवाओं पर भरोसा जताया, वहीं CSK ने शेख रशीद, आयुष म्हात्रे और डेवाल्ड ब्रेविस को बहुत देर से अवसर दिया.