मुंबई : ‘ढाई किलो का हाथ’, ‘तारीख पर तारीख…’ ये संवाद उस अभिनेता की पहचान है जो 80 और 90 के दशक में अपनी रौबदार आवाज और कमाल की अदाकारी से टिकट खिड़की पर आग उगलता रहा. अब चाहे उम्र हो चुकी हो, लेकिन आवाज में वो ही धार और खून में वो ही गर्मी जस की तस है.
दिग्गज एक्टर सनी देओल ने 42 साल पहले फिल्म ‘बेताब’ से बॉलीवुड में कदम रखे थे. आज भी वो फिल्मों में बतौर लीड एक्टर काम कर रहे हैं. कभी ‘गदर 2’ से ‘गदर’ मचा रहे हैं तो कभी ‘जाट’ से अपने ठाठ’ दिखा रहे हैं. खैर आज हम आपको सनी की ऐसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं, जो अपने दौर की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर में से एक बनी थी, लेकिन सालों बाद जब इसका सीक्वल आया था तो मामला उल्टा पड़ गया था. क्योंकि इसका अगला पार्ट बुरी तरह फ्लॉप हो गया था.
ब्लॉकबस्टर हुई थी सनी की ‘घायल’
पहली ही फिल्म बेताब से धूम मचाने वाले सनी देओल ने 80 और 90 के दशक में ढेरों शानदार फिल्में दी थीं. 1990 में रिलीज हुई ‘घायल’ उनके 4 दशक लंबे करियर की सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक है. सनी ने इस फिल्म के जरिए एक अलग और खास मुकाम हासिल किया था. इसमें वो मीनाक्षी शेषाद्रि के अपोजिट नजर आए थे. इसमें ओम पुरी, अमरीश पुरीम मौसमी चटर्जी और राज बब्बर जैसे सितारे भी थे. राजकुमार संतोषी के डायरेक्शन में बनी इस पिक्चर का बजट सिर्फ ढाई करोड़ रुपये था लेकिन वर्ल्डवाइड ये 20 करोड़ रुपये कमाकर ब्लॉकबटर हो गई थी.
‘घायल वंस अगेन’ हुई थी डिजास्टर
सनी देओल घायल के 26 साल बाद इसका सीक्वल लेकर आए थे और उसे नाम दिया था ‘घायल वंस अगेन’. एक बार फिर से सनी देओल ने ही लीड रोल प्ले किया और उनके अपोजिट थीं सैफ अली खान की बहन सोहा अली खान. फिल्म 2016 में रिलीज हुई और दर्शकों के बिल्कुल भी गले नहीं उतर सकी. सनी के ऊपर डायरेक्शन की भी जिम्मेदारी थी, लेकिन दोनों जिम्मेदारियों को निभाने में वो इस बार फेल हो गए थे. सनी ने इसे बनाने में 50 करोड़ रुपये का खर्च किया था. हालांकि भारत में इसकी कमाई 35 करोड़ रुपये ही हो पाई थी.