Vedant Samachar

सोनी सब के ‘वागले की दुनिया’ में बेटी के लिए उठाया सुरक्षात्मक कदमपड़ा राजेश पर ही भारी; सुमित राघवन ने साझा किया अपना नजरिया

Lalima Shukla
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मुंबई, 26 अप्रैल 2025: सोनी सब का लोकप्रिय शो ‘वागले की दुनिया – नई पीढ़ी नए किस्से’ अपने दिल को छू लेने वाले मध्यमवर्गीय जीवन और बदलते पारिवारिक समीकरणों के चित्रण से लगातार दर्शकों से जुड़ाव बनाए हुए है। हाल ही के एपिसोड्स में दर्शकों ने देखा कि सखी (चिन्मयी साल्वी) वागले परिवार का घर छोड़कर अपने दोस्तों के साथ खारघर में स्वतंत्र रूप से रहने चली जाती है—यह निर्णय वंदना (परीवा प्रणति) को भावुक कर देता है और राजेश (सुमित राघवन) को गहरी चिंता और सुरक्षात्मक भावनाओं से भर देता है।

आगामी एपिसोड्स में जैसे-जैसे राजेश की चिंता सखी को लेकर बढ़ती है, वह एक अजीब लेकिन सुरक्षात्मक कदम उठाता है—सखी के फ्लैट के बाहर गुप्त रूप से एक सीसीटीवी कैमरा लगवा देता है, ताकि वह दूर से ही उस पर नज़र रख सकें। हालांकि उसका इरादा केवल सखी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन हालात तब बिगड़ जाते हैं जब एक चोरी की घटना होती है और राजेश की यह छुपी निगरानी उजागर हो जाती है। सखी स्तब्ध और आहत महसूस करती है—उसे अपने पिता की इस अविश्वासपूर्ण हरकत से धोखा लगता है। इस घटना से घर में एक टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जहाँ अथर्व भी राजेश से निजता और सीमाओं पर सवाल करता है। अपराधबोध से घिरे राजेश टूट जाता है और सखी के बचपन और अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए भावुक हो उठता है।

क्या सखी अपने पिता की इस हरकत को प्यार और चिंता का प्रतीक मान पाएगी, या फिर यह घटना उनके बीच की बढ़ती दूरी को और गहरा कर देगी?

राजेश वागले की भूमिका निभा रहे सुमित राघवन ने कहा, “यह दृश्य मुझे एक अभिभावक के रूप में बहुत गहराई से छू गया। राजेश का यह कदम ऊपर से देखने पर अनुचित लग सकता है, लेकिन वह डर और प्रेम से प्रेरित है—ऐसी भावनाएँ जिनसे हर माता-पिता खुद को जोड़ सकते हैं। कई बार हम अपने बच्चों की रक्षा करते-करते यह भूल जाते हैं कि उन्हें भी गिरने, सीखने और अपने रास्ते खुद तय करने के लिए स्पेस चाहिए। ‘वागले की दुनिया’ की खूबी यह है कि यह कभी भी एकतरफा दृष्टिकोण नहीं दिखाती—यह हमेशा दोनों पक्षों को सामने लाती है: माता-पिता की सुरक्षा की भावना और बच्चों की स्वतंत्रता और भरोसे की चाह। इस एपिसोड के माध्यम से हर घर में एक अहम सवाल उठता है—क्या नई पीढ़ी अपने माता-पिता की चिंता को समझ पाएगी? और क्या हम, माता-पिता, उन्हें सम्मानजनक दूरी से समर्थन देना, भरोसा करना और उन्हें आज़ाद छोड़ना सीख पाएंगे? मुझे लगता है यही वो यात्रा है जिस पर आज हर परिवार है—जहाँ हर पीढ़ी को बीच का रास्ता तलाशना होगा।”

देखिए ‘वागले की दुनिया – नई पीढ़ी नए किस्से’ सोनी सब पर, सोमवार से शनिवार, रात 9 बजे।

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