Vedant Samachar

Shreya Ghoshal ने लाइव परफॉर्मेंस के दौरान इस Music Legend को किया याद, सुरों में पिरोया हर जज्बात

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मुंबई : कोलकाता में हाल ही में आयोजित एक लाइव परफॉर्मेंस के दौरान संगीत प्रेमियों को एक अनूठा अनुभव प्राप्त हुआ। जब सुरों की रानी श्रेया घोषाल ने मंच पर भारत की महान गायिका लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, तो वातावरण में एक गहरा भावुकता का संचार हो गया। लता दीदी की आवाज़ ने पुराने बॉलीवुड को उसकी पहचान दी, जबकि श्रेया आज भी उसी सुरों की धरोहर को प्रेम और सम्मान के साथ आगे बढ़ा रही हैं।

दोनों गायिकाओं की आवाज़ में एक समानता है, जो दिल को छू लेने वाली गहराई और भावनाओं की मिठास से भरी हुई है। लता जी ने जैसे हर भावना को सुरों में समेटा, उसी तरह श्रेया भी आज की पीढ़ी के दिलों में वही एहसास जीवित रख रही हैं। श्रेय घोषाल ने अपने प्रदर्शन के दौरान लता मंगेशकर के प्रसिद्ध गाने “आ जाने जान” को इस तरह गाया कि मानो पुरानी यादें फिर से जीवित हो उठीं।

यह केवल एक कवर नहीं था, बल्कि एक नई दृष्टि के साथ प्रस्तुत की गई भावनात्मक श्रद्धांजलि थी, जिसे श्रेया ने अपने दिल से गाया। उनके हर सुर में गहराई और आत्मा की झलक थी। उन्होंने लता दीदी की मोहक अदायगी को अपनी विशेष गायकी के साथ इस तरह जोड़ा कि गाना एकदम नया अनुभव हुआ, जबकि उसकी क्लासिक खुशबू बरकरार रही। श्रेया की सुरों पर पकड़, उनकी कोमल आवाज़ और हर नोट में छिपी भावनाओं ने समय को जैसे थाम लिया।

श्रेया घोषाल की यह श्रद्धांजलि केवल एक गीत नहीं थी, बल्कि दो युगों के बीच एक अद्भुत कड़ी थी, जहां अतीत की यादें और वर्तमान की सुंदरता एक साथ मिलकर गूंज उठीं। उनकी भावनात्मक आवाज में लता दीदी की अमर मोहकता का अहसास था, साथ ही यह भी स्पष्ट था कि सुरों की यह धरोहर आज भी जीवित है और भविष्य में भी इसी तरह आगे बढ़ती रहेगी। उनके प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया कि एक महान कलाकार ने दूसरी महान कलाकार को सम्मानित किया है। यह भावुक क्षण यह दर्शाता है कि संगीत की आत्मा कभी समाप्त नहीं होती, बल्कि वह हर उस कलाकार में जीवित रहती है जो सुरों की इस मशाल को आगे बढ़ा रहा है।

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