छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 7000 से अधिक एकल शिक्षक वाले स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि आगामी शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले युक्तियुक्तकरण (CG Teacher Posting) की प्रक्रिया पूरी की जाए। राज्य में ऐसे कई स्कूल हैं जहाँ शिक्षक संख्या आवश्यकता से अधिक है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों ऐसे स्कूल हैं, जहां या तो केवल एक शिक्षक हैं या कोई भी नहीं। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 7305 शिक्षक अतिरिक्त हैं जबकि 5484 स्कूल एकल शिक्षक पर चल रहे हैं और 297 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है।
स्कूलों का होगा मर्जर, व्यवस्था में आएगा संतुलन
शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत 4000 से अधिक स्कूलों को मर्ज (CG Teacher Posting) करने का भी निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय मानकों के अनुसार स्कूलों और शिक्षकों के बीच संतुलन बनाना है। 7 मई से स्कूलों का और 15 मई से शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शुरू किया जा चुका है।
शिक्षा सत्र से पहले पूरी होगी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री साय ने जनवरी में हुई विभागीय बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बोर्ड परीक्षाओं के बाद तुरंत युक्तियुक्तकरण शुरू कर दिया जाए। उसी के अनुरूप अब यह प्रक्रिया दोबारा आरंभ की गई है, जिसे पूर्व में कुछ कारणों से रोक दिया गया था।
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शिक्षक संघ की एनईपी के अनुसार नीति की मांग
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने युक्तियुक्तकरण (CG Teacher Posting) नीति में मौजूद त्रुटियों को लेकर मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा सचिव और संचालक को ब्लूप्रिंट सौंपा है। फेडरेशन के अध्यक्ष राजेश चटर्जी ने सुझाव दिया कि युक्तियुक्तकरण कक्षा और विषय के आधार पर किया जाना चाहिए, केवल छात्र संख्या के आधार पर नहीं।
विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ सकता है प्रभाव
संघ का कहना है कि यदि केवल दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों को स्थानांतरित किया गया, तो प्राथमिक स्तर पर विषय शिक्षक उपलब्ध नहीं होंगे, जिससे माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के खिलाफ है।