कोरबा, 15 मई (वेदांत समाचार)। एसईसीएल से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को इस भीषण गर्मी में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। प्रबंधन ने ठेका तो दिया है, लेकिन ठेकेदार क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में नियमित पानी आपूर्ति के लिए सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। ठेकेदार अपने ठेके का समय पूरा करने में लगा है और समय मियाद पूरा होने का इंतजार कर रहा है।
प्रबंधन की अनदेखी
एसईसीएल प्रबंधन ने लगभग करोड़ों का ठेका देकर क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में पर्याप्त पानी टैंकर के द्वारा पिलाने और निस्तारी के लिए दिया है। लेकिन प्रबंधन के ठेकेदार के द्वारा ना तो पानी दिया जा रहा है और ना ही टैंकर आ रहा है। इस भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से शुद्ध पेयजल और निस्तार के लिए जूझ रहे हैं सभी ग्रामों में भारी आक्रोश और नाराजगी व्याप्त है।
ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीणों ने बताया कि शुद्ध पेयजल और निस्तारी के लिए नियमित पानी का टैंकर प्रबंधन के द्वारा पहुंचना है, लेकिन पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने स्वयं 600 रुपये में पानी का टैंकर किराए पर कर अपनी पानी आपूर्ति को पूरा करने में मजबूर हैं। उनका कहना है कि प्रबंधन के द्वारा क्षेत्र के प्रभावित ग्रामों में पानी की आपूर्ति के लिए हर साल टेंडर जारी कर ठेका दिया जाता है, लेकिन किसी तरह ठेकेदार के द्वारा समय बिता कर अपना बिल पास करवा लेते हैं।
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन का रूप ले सकते हैं। ग्रामीणों ने गांव के प्रतिनिधित्व कर रहे जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार प्रबंधन को पानी की समस्या को लेकर आवेदन और निवेदन करके गुहार लगाए हैं, इसके बावजूद प्रबंधन के द्वारा ठेकेदार के ऊपर निगरानी का काम नहीं कर पा रही है।
क्या है समाधान?
अब देखना यह है कि एसईसीएल प्रबंधन इस समस्या का समाधान कब तक करता है और ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल और निस्तारी के लिए पानी की आपूर्ति कैसे सुनिश्चित की जाती है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रबंधन उनकी समस्या का समाधान करेगा और उन्हें पानी की किल्लत से निजात दिलाएगा।