कोरबा,18 अप्रैल (वेदांत समाचार)। जिले में एसईसीएल की दीपका और गेवरा कोयला खदान में अरबों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि एसईसीएल के जीएम और एसडीएम की मिलीभगत से मुआवजा घोटाला किया गया है, जिसमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने का आरोप है।
आरोप है कि ग्राम रलिया और मलगांव में भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। इसमें एसईसीएल के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत का आरोप है। शिकायत में कहा गया है कि छोटे घरों को बड़ा बताकर फर्जी मुआवजा बनाया गया है, जबकि मलगांव में किसानों का मुआवजा कम किया गया है।
आरोपियों में एसईसीएल के जीएम श्री मोहंत, मनोज गोभिल, पटवारी प्रधान, श्यामू जायसवाल और अन्य अधिकारी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों ने मिलीभगत कर केंद्र सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाई है।
पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर इस मामले में सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने कहा है कि यह जांच राज्य सरकार के अधिकारियों से न कराकर केंद्र सरकार की जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए। ननकीराम कंवर ने जांच में सहयोग का वादा भी किया है।
इसके अलावा एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और सरईपाली खदान से कोयला चोरी का भी आरोप है। आरोप है कि कुछ दलालों और ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से कोयला चोरी कर उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा है। जांच एजेंसी ने इस मामले में भी जांच करने की मांग की है।