कोरबा,13 अप्रैल (वेदांत समाचार)। कोल इंडिया लिमिटेड में अधिकारियों की वेतन विसंगति को लेकर दायर मुकदमे ने 11वें जेबीसीसीआइ को कठघरे में खड़ा कर दिया है। इस मामले में अब 12वें जेबीसीसीआइ के गठन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आरोप है कि 11वें जेबीसीसीआइ के गठन में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की एपेक्स बॉडी ने कोल इंडिया अध्यक्ष से मुलाकात कर वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की है। संगठन का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही कोल इंडिया अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल से मिलेगा और अपनी मांगों को लेकर चर्चा करेगा।
इस मामले में जबलपुर हाई कोर्ट के डबल बेंच में सुनवाई हो रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कोयला मंत्रालय और डीपीई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। अब सभी की नजरें डीपीई के जवाब पर टिकी हैं, जो 12वें जेबीसीसीआइ के भविष्य का फैसला कर सकता है.¹ ²
जानकारों का मानना है कि जब तक अधिकारियों की वेतन विसंगति दूर नहीं होती, 12वें जेबीसीसीआइ का गठन अधर में रहेगा। 11वें वेतन समझौते का समाधान नहीं होने से 12वें जेबीसीसीआइ के गठन पर भी असर पड़ सकता है।
कोल अधिकारियों की मांग है कि वेतन विसंगति को दूर किया जाए और डीपीई के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए वेतन समझौता किया जाए। अब देखना यह है कि कोयला मंत्रालय और डीपीई इस मामले में क्या जवाब देते हैं और इसका 12वें जेबीसीसीआइ के गठन पर क्या असर पड़ता है।