मुंबई : सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान, श्रीदेवी की छोटी बेटी खुशी कपूर के साथ अपना डेब्यू कर चुके हैं. खुशी की ये तीसरी फिल्म है. अगर आप इस वीकेंड इन दोनों की फिल्म ‘नादानियां’ नेटफ्लिक्स पर देखना चाहते हैं, तो ये रिव्यू जरूर पढ़ें.
‘नादानियां’ से सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान ने बॉलीवुड में डेब्यू किया है. सुहाना खान, अगस्त्य नंदा और खुशी कपूर की तरह बॉलीवुड के एक और ‘स्टार किड’ ने थिएटर की जगह नेटफ्लिक्स जैसे इंटरनेशनल ओटीटी प्लेटफार्म से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की है. ‘नादानियां’ देखकर ये लगता है कि उनका ये फैसला बिल्कुल सही है. क्योंकि ‘नादानियां’ धर्म प्रोडक्शन की बनाई गई वो फिल्म है, जो नेटफ्लिक्स के लिए परफेक्ट है. नेटफ्लिक्स पर लव स्टोरीज देखने वाला एक अलग ऑडियंस है और उनके लिए ‘नादानियां’ एक सही फिल्म है. हां, ये फिल्म अगर थिएटर में रिलीज होती, तो शायद ये मामला अलग होता. लेकिन करण जौहर ने अपने ‘इग्गी’ के लिए एक सही फैसला लिया है.
कहानी
ये कहानी है पिया जयसिंह (खुशी कपूर) और अर्जुन मेहता (इब्राहिम अली खान) की. पिया एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखती है और उसके सिर्फ दो दोस्त हैं. एक दिन इन दोस्तों के बीच कुछ ऐसा हो जाता है, जहां पिया अपने दोस्तों से झूठ बोलती है कि उसका एक बॉयफ्रेंड है. अर्जुन मेहता पिया का वो बॉयफ्रेंड बन जाता है, जिसे वो रेंट पर हायर करती है. पिया और अर्जुन की कहानी किस तरह से आगे बढाती है? ये जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स पर जाकर खुशी कपूर और इब्राहिम अली खान की फिल्म ‘नादानियां’ देखनी होगी.
जानें कैसी है फिल्म
‘मिसमैच’, ‘किसिंग बूथ’, ‘द परफेक्ट डेट’, ‘वॉच थ्रू माय विंडो’ जैसे हिंदी, इंग्लिश, स्पेनिश भाषा में बनाए गए कई हाई स्कूल रॉमकॉम नेटफ्लिक्स की मोस्ट वॉच ग्लोबल लिस्ट का हिस्सा रहे हैं. जोया अख्तर की ‘आर्चिज’ भी उन्ही फिल्मों में से एक थी. अब खुशी कपूर और इब्राहिम अली खान की ‘नादानियां’ भी ऐसी ही एक ‘फील गुड’ फिल्म है, जहां ज्यादा ड्रामा नहीं है. इसे देख ‘कुछ कुछ होता है’ या फिर ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ की याद आती है और जब भी करण जौहर अपने ‘फील गुड फार्मूला’ के साथ फिल्म बनाते हैं, फिल्म हिट बन जाती है. शोना गौतम ने भी अपनी फिल्म में यही फार्मूला इस्तेमाल किया है और ये फार्मूला सिर्फ इंडियन युवाओं को ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल यूथ को भी अपनी तरफ आकर्षित करेगा.
‘नादानियां’ शुरुआत से एक फ्रेशनेस के साथ आगे बढ़ती है. लेकिन इस फिल्म को दी गई ट्रीटमेंट पूरी तरह से वेस्टर्नाइज है, जैसे की जोया अख्तर की फिल्म ‘दिल धड़कने दो’. जिस तरह बड़ी सी क्रूज में इंटरनेशनल वॉटर में पेरेंट्स की वेडिंग एनिवर्सरी मनाना, मेरी तरह कइयों के सोच से भी परे हैं, ठीक उसी तरह नादानियां में नजर आने वाला एक आईवी लीग स्कूल, हफ्ते में सिर्फ एक दिन अपने परिवार के साथ ब्रेकफास्ट के लिए समय देने वाली नातिन भी हम सिर्फ सिनेमा में ही देख सकते हैं. लेकिन कभी-कभी अपने प्रोब्लेम्स को छोड़कर कुछ समय के लिए हमारे पहुंच के बाहर की दुनिया देखना अच्छा लगता है. ‘नादानियां’ के साथ भी कुछ ऐसा हुआ है.
फिल्म का निर्देशन और कहानी
फिल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है और इसलिए स्क्रीनप्ले थोड़ा कमजोर लगता है. हालांकि शोना गौतम अपने निर्देशन से पूरी कोशिश करती हैं कि हमें ये कमी न महसूस हो. फिल्म के डायलॉग कहानी में जान डाल देते हैं, ‘स्मार्ट तो इतना की केबीसी जीत सकता है’, ‘ये नवाब नहीं नौकर निकला’ जैसे डायलॉग हमें बोर नहीं होने देते. लगभग 2 घंटे की फिल्म है. इसे थोड़ा एडिटिंग टेबल पर क्रिस्प किया जा सकता था. पिया और उसके दोस्तों के बीच के कुछ सीन आसानी से अवॉयड किए जा सकते थे, जिससे फिल्म और मजेदार बन जाती.
एक्टिंग
इब्राहिम अली खान को देखकर ही नहीं उनकी एक्टिंग को देखकर भी ऐसे लग रहा है कि हम आज के सैफ अली खान का यंग एआई वर्जन देख रहे हैं. (क्योंकि पुराने सैफ अली खान के लंबे बाल थे.) उनकी स्क्रीन प्रजेंस अच्छी है. एक्सप्रेशन भी ठीक-ठाक है. उन्हें देख ऐसे नहीं लगता कि ये उनका डेब्यू है. इस साल इब्राहम अली खान के साथ राशा थडानी, अमन देवगन, वीर पहाड़िया ने भी बॉलीवुड में डेब्यू किया है, लेकिन इन तीनों के मुकाबले इब्राहिम थोड़े ज्यादा टैलेंटेड लगते हैं. अपनी पहली फिल्म के मुकाबले खुशी कपूर की एक्टिंग में अब आत्मविश्वास नजर आ रहा है. ‘लवयापा’ में भी उन्होंने अच्छा काम किया था. इस फिल्म में भी उन्होंने अपने किरदार को पूरा न्याय दिया है.
‘नादानियां’ में सुनील शेट्टी और महिमा चौधरी ने खुशी कपूर के पेरेंट्स का किरदार निभाया है. वहीं जुनैद खान और दीया मिर्जा इब्राहिम अली खान के माता-पिता का किरदार निभा रहे हैं. दोनों कपल की केमिस्ट्री एक दूसरे से अलग, लेकिन एंटरटेनिंग है. अर्चना पूरन सिंह को फिर एक बार मिस बिग्रेंजा के रोल में देखकर मजा आ जाता है.
देखें या न देखे
अगर आप इस फिल्म से एक्शन या ड्रामा की उम्मीद कर रहे हैं, तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है. लेकिन आपको नेटफ्लिक्स पर क्रिसमस मूवीज और हाई स्कूल ड्रामा देखना पसंद है, तो ये फिल्म आपके लिए बनी है. डिमांड के हिसाब से यहां सप्लाई किया गया है. एक नई जोड़ी और रिफ्रेशिंग ट्रीटमेंट के लिए आप ये फिल्म जरूर देख सकते हैं. वैसे भी आज सोशल मीडिया पर स्टार किड्स को जज करने का नया ट्रेंड शुरू हुआ है. इब्राहिम अली खान हो या फिर जुनैद खान इन दोनों ने अपनी डेब्यू फिल्म में ये साबित किया है कि वो फ्यूचर में अच्छे एक्टर बन सकते हैं. लेकिन उन्हें मौका देना ऑडियंस के हाथ में है. इस फिल्म की रिलीज से पहले ही खुशी और इब्राहिम को ट्रोल करना शुरू हो गया था, लेकिन इन ट्रोलर को गलत साबित करने के लिए मेरी तरफ से दोनों की इस फिल्म को एक एक्स्ट्रा स्टार.
फिल्म:नादानियां
कलाकार : इब्राहिम अली खान, खुशी कपूर
निर्देशक :शौना गौतम
रिलीज : नेटफ्लिक्स
रेटिंग : ****