नई दिल्ली,22 मार्च 2025: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 1 अप्रैल 2025 से ओवरएज पेट्रोल और डीजल वाहनों में ईंधन भरने पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। इसके लिए शहर के 80% से अधिक पेट्रोल पंपों पर विशेष तकनीक लगाई जा रही है, जो डीरजिस्टर्ड और प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान करेगी।
ANPR कैमरों से होगी निगरानी
दिल्ली के करीब 500 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं। ये कैमरे ओवरएज वाहनों और बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) वाले वाहनों को तुरंत पहचान लेंगे। यदि कोई वाहन नियम तोड़ता पाया गया, तो सिस्टम अलर्ट जारी करेगा और पंप अटेंडेंट को ईंधन देने से रोक देगा। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया, “80% पेट्रोल पंपों पर उत्सर्जन निगरानी उपकरण लग चुके हैं, जो नियमों का पालन न करने वाले वाहनों पर नजर रखेंगे।”
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ओवरएज वाहनों पर कार्रवाई
परिवहन विभाग के अनुसार, 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन स्वतः डीरजिस्टर्ड हो जाते हैं। पिछले साल सितंबर तक 59 लाख से ज्यादा वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के निर्देशों के तहत ऐसे वाहनों को सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाने पर जब्त किया जाएगा।
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स्क्रैप नीति और राहत
सरकार ने ओवरएज वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की है। 2024 में जारी एंड-ऑफ-लाइफ वाहन नीति के तहत, जब्त वाहनों को तभी छोड़ा जाएगा, जब मालिक उन्हें निजी परिसर में रखने या किसी अन्य राज्य में पुनः पंजीकृत करने का आश्वासन देगा। इसके लिए जरूरी अनुमति लेनी होगी।
प्रदूषण नियंत्रण का लक्ष्य
यह कदम दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में उठाया गया है। सरकार का मानना है कि ओवरएज वाहनों पर सख्ती से हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।