बिलासपुर,09 मई 2025(वेदांत समाचार) : बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स अस्पताल में अब मरीजों को ओपीडी पंजीयन के दौरान ‘आभा आईडी’ के माध्यम से पंजीयन की सुविधा दी जाएगी। यह व्यवस्था कलेक्टर संजय अग्रवाल के निरीक्षण और सुझाव के बाद की गई है। इसके लिए चार काउंटर बनाए हैं, जहां ट्रेंड कर्मचारी तैनात रहेंगे और मरीजों की मदद करेंगे।
दरअसल, नवपदस्थ कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बीते 3 मई को सिम्स का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने सिम्स प्रबंधन से जानकारी ली। साथ ही मरीजों से भी चर्चा कर अव्यवस्थाओं को दूर करने के निर्देश दिए थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पंजीयन शाखा में ‘आभा आईडी’ को प्रोत्साहित करने और मरीजों को आवश्यक मार्गदर्शन देने की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा था।
कलेक्टर के निर्देश के बाद सिम्स प्रबंधन ने दिखाई सक्रियता
कलेक्टर के निर्देश के बाद 6 मई को सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने ओपीडी पंजीयन काउंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह तय किया गया कि आने वाले प्रत्येक मरीज का पंजीयन अब ‘आभा आईडी’ से किया जाएगा।
इसके लिए पंजीयन हॉल में ही चार विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं, जिन पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन कर्मचारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों को ‘आभा आईडी’ बनवाने में सहयोग करें और इसके लाभ और सुविधाओं की जानकारी दें।
डिजिटल सुविधा के बिना मरीजों को नहीं होगी परेशानी
डीन डॉ. मूर्ति ने स्पष्ट किया कि अस्पताल में आने वाले हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं होती। ऐसे मरीजों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है कि वे अपने आधार कार्ड और पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से ‘आभा आईडी’ बनवा सकते हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था मरीजों की सुविधा और शासन की डिजिटल स्वास्थ्य योजनाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।
मरीजों को यह जानकारी दी जा रही है कि ‘आभा आईडी’ से उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज कराना आसान होगा। इसके अतिरिक्त, मरीजों को यह भी बताया जा रहा है कि अगली बार अस्पताल आने पर वे अपना मोबाइल, आधार कार्ड साथ लेकर आएं, ताकि पंजीयन की प्रक्रिया और सहज हो सके।
जानिए…क्या है आभा आईडी
‘आभा आईडी’ (ABHA ID) आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत बनाया गया एक यूनिक आईडी है, जिसमें 14-अंकों का कोड होता है। इस कार्ड में मरीज को अपनी मेडिकल जानकारी को डिजिटल स्टोर करने का ऑप्शन देता है। इस जानकारी को मरीज कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। जब मरीज किसी अस्पताल या डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसे कार्ड के जरिए उसकी मेडिकल हिस्ट्री चेक कर सकता है।