KVK कर्मियों ने अधिकारों को लेकर कृषि विश्व विद्यालय में किया विरोध प्रदर्शन, बेमियादी हड़ताल की दी चेतावनी
रायपुर,28मई 2025(वेदांत समाचार)। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) रायपुर में तकनीकी कर्मचारी संघ (TSA) के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) से जुड़े सभी जिलों के अधिकारियों/कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर कुलपति को ज्ञापन सौंपा। यह विरोध विश्वविद्यालय द्वारा वर्षों से लंबित संवैधानिक और सेवा-संबंधी अधिकारों की अनदेखी के विरुद्ध किया गया।
मांगों को किया जा रहा नजरअंदाज
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष डॉ. पी. के. सांगोड़े ने कहा,”हमने बार-बार संवाद और ज्ञापनों के माध्यम से अपनी समस्याओं को उठाया है, परंतु हर बार हमें नजरअंदाज किया गया। अब TSA और KVK के सभी सदस्य एक स्वर में मांग कर रहे हैं कि सेवा शर्तों की समानता, NPS/CAS/भत्तों की बहाली और सेवानिवृत्ति लाभों की गारंटी दी जाए।”
संघ के उपाध्यक्ष डॉ. ईश्वरी साहू ने आंदोलन के बारे में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा “हम केवल सुविधाएं नहीं, बल्कि अपने संवैधानिक अधिकारों की पुनः स्थापना की लड़ाई लड़ रहे हैं। विश्वविद्यालय की संरचना में KVK स्टाफ अभिन्न अंग हैं, परंतु उनके साथ दोयम दर्जे का बर्ताव हो रहा है। यह अस्वीकार्य है।”
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डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने विश्वविद्यालय अधिनियम के उल्लंघन पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जब अधिनियम स्पष्ट रूप से तकनीकी स्टाफ की सेवा-निवृत्ति आयु 65 वर्ष और गैर-तकनीकी स्टाफ के लिए 62 वर्ष निर्धारित करता है, तब KVK स्टाफ को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त करना न केवल भेदभावपूर्ण, बल्कि अवैधानिक भी है।”
प्रदर्शन के दौरान प्रमुख TSA/ KVK प्रतिनिधि- डॉ. विजय जैन, डॉ. आर. एल. शर्मा, डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ. खूबिराम साहू, डॉ. एस. वर्मा, डॉ. सौगात ससमल, डॉ. प्रमिला जोगी, डॉ. तोषण ठाकुर, डॉ. प्रमिला रामटेके, डॉ. घनश्याम दास साहू, डॉ. अमित शुक्ला एवं डॉ. रंजीत मोदी ने 7 सूत्रीय मांगपत्र को जोरदार तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया। इनकी मांगें इस प्रकार हैं:
- सेवा शर्तों एवं वेतनमान की विश्वविद्यालय समतुल्यता की बहाली
- NPS/OPS का पुनः क्रियान्वयन
- मेडिकल व अन्य भत्तों की पुनर्बहाली
- CAS/उच्च वेतनमान योजनाओं की पुनः स्थापना
- सेवा-निवृत्ति आयु को 65/62 वर्ष करना
- पेंशन, ग्रेच्युटी व अन्य सेवानिवृत्त लाभों की गारंटी
- अस्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया तब तक रोकना जब तक मूलभूत समस्याओं का समाधान न हो
ज्ञापन पर चर्चा के बाद कुलपति ने आश्वस्त किया कि “मांगों पर विश्वविद्यालय द्वारा कल तक कार्यवाही सम्मत पत्र प्रदान किया जाएगा।”
इस पर संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि “कल तक माँग अनुरूप ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो संघ संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्यव्यापी, चरणबद्ध एवं लोकतांत्रिक अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल करने के लिए बाध्य होगा।” संघ ने यह भी कहा कि ऐसी किसी भी स्थिति से उत्पन्न शैक्षणिक, अनुसंधान एवं प्रसार कार्यों में बाधा की नैतिक, विधिक एवं संवैधानिक जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।