Vedant Samachar

RAIPUR: हिन्दुस्तान पेट्रोलियम चंडीगढ़ को राजभाषा के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए मिला द्वितीय पुरस्कार

Vedant Samachar
2 Min Read

जशपुर जिले के कांसाबेल के सुशांत गोयल हैं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम चंडीगढ़ के रीजनल हेड

रायपुर,18 फ़रवरी 2025 (वेदांत समाचार)। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ को जयपुर में संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन में राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार और सरकारी काम-काज में हिन्दी के उत्कृष्ट उपयोग के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा उपक्रम द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम चंडीगढ़ के रीजनल हेड सुशांत गोयल ने यह पुरस्कार आज राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के करकमलों से जयपुर के एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर सीतापुरा में आयोजित संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में प्राप्त किया। इस सम्मेलन में उत्तर मध्य और पश्चिम भारत के केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों के राजभाषा अधिकारी प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

गौरतलब है कि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ की ओर से पुरस्कार ग्रहण करने वाले श्री सुशांत गोयल जशपुर जिले के कांसाबेल के रहने वाले हैं। उन्होंने मेकेनिकल इंजीनियरिंग में एनआईटी कुरुक्षेत्र से बीटेक किया है। वर्तमान में वे हिन्दुस्तान पेट्रोलियम चंडीगढ़ के रीजनल हेड के रूप में 2008 से पदस्थ हैं। श्री सुशांत गोयल ने बताया कि यह सम्मान राजभाषा नीति के सफल कार्यान्वयन और हिंदी में उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए प्राप्त हुआ है। राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित इस वार्षिक कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसमें राजभाषा के महत्व, उसके उपयोग को बढ़ाने के उपाय और सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रभावी प्रयोग पर चर्चा की गई।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले उत्तर-1 क्षेत्र क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार के तहत उपक्रम द्वितीय पुरस्कार उन सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को दिया जाता है, जो हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं सरकारी कामकाज में हिंदी के उत्कृष्ट उपयोग के लिए विशेष प्रयास करते हैं। इस पुरस्कार का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के अधिकतम प्रयोग को बढ़ावा देना है, ताकि सरकारी कामकाज में भाषा की सहजता और प्रभावशीलता बढ़े।

Share This Article