आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हेल्थ चेकअप के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है. खासकर जब बात ब्लड टेस्ट की हो तो सुई से खून निकलवाने का डर और झंझट लोगों को और भयभीत कर देता है. बहुत से लोग इससे बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए बिना सुई और ब्लेड लगाए ही खून की जांच हो जाएगी. सिर्फ फेस स्कैन के जरिए ब्लड टेस्ट संभव है. इतना ही नहीं फेस स्कैन के जरिए आपके शरीर के कई अहम जानकारी भी मालूम की जा सकती है. यह सब AI के जरिए संभव हुआ है. सेहत की निगरानी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है. सिर्फ फेस स्कैन के जरिए 20 सेकंड में आपका हेल्थ स्टेटस सामने होगा.
सिर्फ कैमरे से हेल्थ चेकअप
क्विक वाइटल नाम का एक AI-बेस्ड ऐप अब हेल्थ मॉनिटरिंग का तरीका बदलने वाला है. इस ऐप को 2024 में लॉन्च किया गया और इसे सबसे पहले हैदराबाद के सरकारी अस्पताल ‘निलोफ़र’ में इस्तेमाल किया गया. यहां इसे गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी यानी एनीमिया की जांच के लिए प्रयोग किया गया, जिसमें शानदार नतीजे मिले.
कैसे करता है काम ये टूल?
इस टूल की तकनीक का नाम है (PPG). जब अच्छी रोशनी में आप अपने चेहरे को स्कैन करते हैं, तो फोन के कैमरे से परावर्तित (रिफ्लेक्टेड) रोशनी को यह ऐप कैप्चर करता है. फिर एल्गोरिदम की मदद से धड़कनों, सांसों और रक्त प्रवाह से जुड़े सिग्नल्स को पढ़कर हेल्थ रिपोर्ट तैयार करता है.
20 सेंकड में शरीर के कई अंगों की जांच
20 सेकंड में शरीर के कई अहम अंगों की जानकारी यह एप साझा कर देगा. तो आइए जानते हैं यह एप कौन-कौन सी जानकारी प्रदान करेगा. ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन स्तर, हार्ट रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन (SpO2), सांस लेने की दर, तनाव का स्तर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट रेट वायाबिलिटी (HRV) समेत सिम्पेथेटिक और पैरासिम्पेथेटिक एक्टिविटी की भी यह जानकारी आपको साझा करेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में वरदान
भारत जैसे देश में जहां कई क्षेत्रों में ब्लड टेस्ट की सुविधा या लैब्स नहीं हैं, वहां यह तकनीक एक वरदान साबित हो सकती है. डेवलपर्स अब इसे महाराष्ट्र के बाद आदिवासी इलाकों में लागू करने की योजना बना रहे हैं. आने वाले समय में इसे प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स, स्कूलों और सरकारी हेल्थ प्रोग्राम्स जैसे RBSK, RKSK आदि से जोड़ा जा सकता है.
मां और बच्चे की सेहत पर असर
भारत में हर 10 में से 4 महिलाएं एनीमिक होती हैं. ऐसे में अगर बिना खून लिए, सस्ते और तेज़ तरीक़े से जांच हो जाए, तो समय रहते इलाज संभव हो सकता है. डॉक्टरों का मानना है कि यह टूल हेल्थकेयर सेक्टर में क्रांति ला सकता है, खासकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए.
जल्द पूरे देश में इस तकनीक का होगा उपयोग
अब इस ऐप का महाराष्ट्र में विस्तार किया जा रहा है. जल्द ही 5 साल से कम उम्र के 1,000 बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल होगा जिसमें इसके नतीजों की तुलना पारंपरिक ब्लड टेस्ट से की जाएगी. अगर सब कुछ सही रहा, तो यह तकनीक पूरे देश में हेल्थ चेकअप का सबसे आसान और सस्ता तरीका बन सकती है.
डेटा सुरक्षा की गारंटी
हां इस ऐप के जरिए आपका डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. दरअसल, डिजिटल हेल्थ में प्राइवेसी बड़ी चिंता है. Quick Vitals ऐप के डेवलपर्स का दावा है कि यह ऐप पूरी तरह सिक्योर है. सभी डेटा एन्क्रिप्टेड रूप में सुरक्षित स्टोरेज में रखा जाता है और सिर्फ अधिकृत हेल्थ प्रोवाइडर्स ही इसका एक्सेस पा सकते हैं.