मुसलमान के चॉल में किसी ने पानी नहीं दिया और तुमने मुझे…जब साढ़े 6 फीट के पठान ने गोविंदा को दी दुआ

मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा कई सालों से इंडस्ट्री में एक्टिव नहीं है. उनकी आखिरी हिट कब आई थी फैंस को ये भी याद नहीं. लेकिन अपने स्टारडम की वजह से गोविंदा आज भी चर्चा में रहते हैं. अब एक इंटरव्यू में उन्होंने एक पठान से जुड़ा किस्सा सुनाया है.

फिल्म अभिनेता गोविंदा पिछले दिनों अपने तलाक को लेकर चर्चा में थे. हालांकि पत्नी से तलाक की खबरों में कोई सच्चाई नहीं दिखी. अब गोविंदा ने शक्तिमान फेम एक्टर मुकेश खन्ना को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाया है. उन्होंने बताया कि कई लोग उनके पास आते थे और उनसे कहते थे कि तुम स्टार बनोगे. इस दौरान उन्होंने एक लंबे चौड़े पठान का किस्सा सबके साथ शेयर किया.

गोविंदा ने बताया कि वो जब 13 साल के थे, उस वक्त उनके पास एक शख्स आया था, जिसने उनके लिये दुआ की थी. उन्होंने बताया, “मैं 13 वर्ष का था और एक आवाज आई..पानी पानी पानी. मेरे साथ मेरे दोस्त कैरम खेल रहे थे. मैंने कहा कि कैसी सुरीली आवाज है यार. पानी मांग रहा है, दे दो यार. मैंने कहा ठहरो, थोड़ा सा दाल, थोड़ी सी भिंडी, थोड़ी रोटी..मैंने तैयार करके मैंने सोचा इसको खिलाते हैं.”

जब पठान ने दी दुआ

गोविंदा आगे कहते हैं, “बाहर देखा मैंने, 6 फुट चार पांच इंच ऐसा लंबा चौड़ा आदमी…पठान थे. वो आए तो कहे कि मुझे मुसलमान के चॉल में किसी ने पानी नहीं दिया. चॉल में हमें पानी भी नहीं दिया और तुम..मैंने पानी मांगा तो तुम खाना भी लेकर आए. मैं दुआ पढ़ूंगा तुम पर. मैं उसपर चर्चा नहीं करूंगा क्योंकि मंजूरी नहीं है. मेरा मां ने कहा था कि ये कहना मत. तो वो दुआ मुझपर पढ़ गए.”

गोविंदा ने बताया कि उस पठान जैसे दिखने वाले शख्स ने उनसे नाम पूछा तो गोविंदा ने कहा, “गोविंद.” इस पर उस शख्स ने कहा, “आज के बाद पीछे मुड़कर देखेगा नहीं. हर जगह गोविंदा, गोविंदा गोविंदा हो जाएगा और हमें पीछे पलट कर नहीं देखना.” हालांकि वो पठान कौन था, इस बारे में गोविंदा ने खुलकर कुछ नहीं बताया.

मकान मालकिन लगाती थीं खूब डांट

इस वाकये के बाद गोविंदा की मकान मालकिन शेख आंटी ने गोविंदा को खूब डांटा. उन्होंने बताया, “हम लोग को जो मकान मालकिन थीं, शेख आंटी, मुझे बहुत डांटा करती थीं. ये क्या है रे, जितने भी मायावी लोग हैं, सब गोविंदा के पीछे पड़ जाते हैं. कभी कोई साधू आता है गोरखपुर से. कभी पठान आता है..उस दिन एक पादरी भी आया था. जब देखो गोविंदा के पीछे ही पड़ जाते हैं. ये क्या है तेरे में ऐसा? मैंने कहा कि मुझे तो नहीं मालूम मुझमें क्या है. पर ऊपर वाले ने किया कुछ कृपा.”