मई के अंतिम सप्ताह में लोगों को सूर्य देव का प्रचंड रूप देखने को मिलेगा। 25 मई को सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही नौतपा के नौ दिनों की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिष के अनुसार नौतपा के नौ दिन सूर्य देव आग उगलते हैं। रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही सूर्य देव पृथ्वी के सबसे करीब आ जाते हैं। सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, इसी वजह से धरती का तापमान अचानक बढ़ जाता है। इन नौ दिनोंं में कुछ उपाय आपको गर्मी से राहत दिला सकते हैं। जैसे खाली पेट घर से नहीं निकलें। तली-भुनी चीजें खाने से बचें। सात्विक भोजन करें और मुलायम-ढीले और सूती कपड़े पहनें।
ज्योतिर्विद डॉ पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस वर्ष नौतपा की शुरुआत 25 मई से होगी। पंचांग के अनुसार 25 मई को दिन में 2.07 बजे सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। नौतपा दो जून को समाप्त होगा। नौतपा के समय उमस भरी गर्मी का समाना करना पड़ता है। इसके बाद सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसी मान्यता है कि नौतपा में जितनी गर्मी अधिक पड़ती है उस वर्ष बरसात भी उतनी अच्छी होती है।
जल का होता है ऊष्मीकरण
ऐसी मान्यता है कि सूर्य जितने दिन रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं उस समय उमस भरी भीषण गर्मी पड़ती है। ज्योतिर्विद डॉ पंडित दिवाकर त्रिपाठी बताते हैं कि रोहिणी नक्षत्र का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है। जो शीतलता व जल का कारक है। जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। तो शीतलता का स्वरूप गर्मी में बदल जाता है और जल का ऊष्मीकरण शुरू हो जाता है। जिससे उमस भरी गर्मी पड़ने लगती है।
इन दिनों क्या करें
नौतपा के समय में धार्मिक कृत्य करने चाहिए। धार्मिक स्थलों पर पौधरोपण करना चाहिए। पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर, आम का वृक्ष लगाना चाहिए। जरूरतमंदों को जल, सत्तू, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य देव की उपासना करनी चाहिए। पशु पक्षियों की सेवा करनी चाहिए।
ये बरतें सावधानी
-नौतपा के दौरान लोगों को खाली पेट घर से नहीं निकला चाहिए। बाहर जाएं तो कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकलें।
-मुलायम, ढीले और सूती कपड़े पहनने चाहिए।
-ताजा, सादा व सात्विक भोजन करना चाहिए।
-तली-भुनी और मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए ।