नई दिल्ली . की राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा दावा किया है. ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने अदालत में दलील दी कि प्रथम दृष्टया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है. ईडी का कहना है कि इन लोगों ने इस मामले से करीब 142 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ उठाया है. ईडी ने अदालत को बताया कि नवंबर 2023 में संपत्तियों की कुर्की की गई थी, लेकिन तब तक आरोपी अवैध रूप से अर्जित की गई कमाई का लाभ उठा रहे थे. एजेंसी का तर्क है कि जब कोई व्यक्ति अपराध की आय अर्जित करता है और उसे अपने पास बनाए रखता है, तो वह मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा में आता है. ईडी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मनी लॉन्ड्रिंग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में की गई है, क्योंकि यह अपराध की आय का अधिग्रहण था.
यंग इंडिया कंपनी को बताया मुखौटा
ईडी ने कोर्ट में यह भी कहा कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी डायरेक्टर हैं, का स्वामित्व हमेशा उनके पास रहा. ईडी का कहना है कि इस कंपनी का कोई व्यवसायिक उद्देश्य नहीं था, बल्कि इसका एकमात्र मकसद सोनिया और राहुल गांधी को लाभ पहुंचाना था. ईडी ने कहा कि उन्होंने इस केस से जुड़े 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिनमें से 51 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे.
चार्जशीट दाखिल, नोटिस जारी
प्रवर्तन निदेशालय पहले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुका है. इसके बाद अदालत ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य को नोटिस जारी कर उनके पक्ष को सुनने का मौका दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले आरोपियों को अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए.
सुनवाई टालने की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से इस मामले की सुनवाई जुलाई तक टालने की अपील की. उनका कहना था कि चार्जशीट की कॉपी हाल ही में मिली है और उसे पढ़ने में समय लगेगा. वहीं ईडी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि चार्जशीट पहले ही दी जा चुकी है और आज की सुनवाई तय थी, जिसे अब टालने की कोशिश की जा रही है. ईडी ने कहा कि वह सुनवाई के लिए पूरी तरह तैयार है.