Vedant Samachar

वैभव सूर्यवंशी बना लें श्रेयस अय्यर को गुरु, आसमान से ऊंचा होगा करियर

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नई दिल्ली,27मई 2025 : वैभव सूर्यवंशी, 14 साल के इस खिलाड़ी की विस्फोटक बल्लेबाजी देख लगता है कि उसके आगे सब बेकार है. इतनी कम उम्र में जो ऐसी ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहा है, वो वक्त के साथ जब और सीखेगा और अनुभवी होगा तो क्या करेगा? इसमें दो राय नहीं कि वैभव सूर्यवंशी, भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं. वो अगले सुपरस्टार भी हो सकते हैं. IPL 2025 में 1.10 करोड़ की लगी उन पर बोली और फिर 35 गेंदों वाले उनके शतक को देखने के बाद करियर तो उफान लेता दिख ही रहा है. मगर, वो करियर आसमान से भी ऊंचा हो सकता है अगर वैभव सूर्यवंशी, श्रेयस अय्यर क अपना गुरु बना लें.

श्रेयस अय्यर को गुरु बनाने से मतलब क्या?
अब आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बात हुई? वैभव सूर्यवंशी, श्रेयस अय्यर को गुरु क्यों बनाएं? और, अय्यर जब खुद ही अभी खेल रहे हों, वो एक खिलाड़ी हैं तो क्या इस सूरत में वो वैभव के गुरु बनना चाहेंगे? यहां गुरु बनाने से मतलब देखकर सीखने से है. वो गुण जो श्रेयस अय्यर को स्पेशल फील कराते हैं, उन्हें अपने जीवन में घोलने मतलब अपनाने से हैं.

वैभव सूर्यवंशी को श्रेयस अय्यर से क्या सीखने की जरूरत?
वैभव सूर्यवंशी जिस मिजाज और अंदाज के बल्लेबाज हैं, श्रेयस अय्यर का खेल उससे बिल्कुल जुदा है. बल्लेबाजी के मोर्चे पर तो दोनों का नेचर ऑफ गेम अलग है. वैभव सूर्यवंशी को बैटिंग में बदलाव लाने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि वो जैसे खेलते हैं, वही उनका नेचुरल गेम है. उनकी ताकत है. इसलिए बल्लेबाजी में तो श्रेयस अय्यर को गुरु बनाने को हम कह भी नहीं रहे. मगर उसके अलावा दूसरी चीजें हैं जो वैभव सूर्यवंशी को श्रेयस अय्यर से करियर में तरक्की के लिए जरूर सीखनी चाहिए.

सीख लें ये 2 चीज तो आसमान से ऊंचा होगा करियर
वैभव सूर्यवंशी के लिए जिन दूसरी चीजों के श्रेयस अय्यर से सीखने की बात हम कर रहे हैं, उनमें कप्तानी और विपरीत हालातों में खुद को कैसे संभाले रखना है, उसका तरीका है. IPL 2025 में श्रेयस अय्यर की कप्तानी चर्चा का विषय बन गई है. ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि इस सीजन में उन्होंने दिखाया है कि ज्यादा अनकैप्ड प्लेयर्स को खिलाकर भी मुकाबले जीते जा सकते हैं. वो पहले कप्तान बन गए हैं, जिनकी अगुवाई में पंजाब किंग्स ने टॉप 2 में जगह बनाई है.

श्रेयस अय्यर का सेलेक्शन टीम इंडिया में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं हुआ. मायूषी तो हुई मगर श्रेयस ने उसे बोझ नहीं बनने दिया. उन्होंने अपने सेलेक्शन होने ना होने पर कोई टिप्पणी ना करते हुए जो मौजूदा मुकाबले सामने हैं, उन पर फोकस किया. उन्होंने जो भी जवाब दिया, अपने खेल से दिया. शानदार प्रदर्शन के बाद भी अगर नेशनल टीम में सेलेक्शन ना हो तो उस सिचुएशन की डिफकल्टी का अंदाजा लगाया जा सकता है. श्रेयस अय्यर ने उस टफ सिचुएशन को जिस तरह से हैंडल किया, वो काबिलेतारीफ रहा.

वैभव सूर्यवंशी का करियर बुलंदी की ओर बढ़ रहा है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. मगर वो एक नई ऊंचाई को छू सकता है, अगर वैभव, श्रेयस अय्यर से थोड़ा उनकी कप्तानी का और थोड़ी दबाव को हैंडल करने का तरीका सीख लें.

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